गाजियाबाद । उत्तर प्रदेश पुलिस की एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार किए गए महाठग अनूप चौधरी के खिलाफ गाजियाबाद में भी एक मुकदमा दर्ज कराया गया है। यह मुकदमा गाजियाबाद कमिश्नरेट में तैनात वीवीआईपी सेल प्रभारी मयंक अरोड़ा ने कवि नगर थाने में दर्ज कराया है। उस पर पुलिस ने फर्जी मेल करके गनर हासिल करने का आरोप लगाया है।
अनूप चौधरी पर कई राज्यों में मुकदमे दर्ज हैं। उत्तराखंड सरकार ने उसके ऊपर 15 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है। इसके बावजूद भी वह गाजियाबाद कमिश्नरेट को बेवकूफ बनाकर सरकारी गनर हासिल करता रहा। इस महाठग की गिरफ्तारी के बाद गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट और गाजियाबाद प्रशासन पर लापरवाही की सुई घूम गई है।
मयंक अरोड़ा ने एफआईआर में कहा है कि अनूप चौधरी ने फर्जी लेटर पैड बनाकर गलत पदनाम से वर्ष 2020 से लेकर 2023 तक कुल सात बार सरकारी गनर प्राप्त करने के लिए अपनी फर्जी ईमेल आईडी से जिलाधिकारी गाजियाबाद को एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गाजियाबाद को ईमेल पत्र दिया है। साथ ही लेटर पैड पर अपने आप को भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जाति मोर्चा एवं प्रदेश प्रभारी महाराष्ट्र राज्य पूर्व केंद्रीय सलाहकार सदस्य फिल्म सेंसर बोर्ड, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार व पूर्व सदस्य फिल्म विकास परिषद उत्तर प्रदेश सरकार दर्शाता है। इस प्रकार अनूप चौधरी ने सात बार गाजियाबाद जिले से सरकारी गनर प्राप्त किया।
उन्होंने बताया कि अनूप चौधरी अपने आप को रेल मंत्रालय भारत सरकार और भारत सरकार के फर्जी लेटर पैड का इस्तेमाल करता था व ईमेल भेजकर गनर प्राप्त करता था। अनूप चौधरी की गिरफ्तारी के बाद यह मामला उजागर हुआ। महाठग अनूप चौधरी अपने फर्जी रसूख के दम पर सरकारी गनर लेकर चलता था। खुद को रेल मंत्रालय का सदस्य बताता था। हर जगह वीपीआईपी प्रोटोकॉल हासिल करता था। यहां तक कि वह कई चैनलों पर जाकर राजनीतिक इंटरव्यू भी देता था। जबकि उसके खिलाफ उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और राजस्थान में 10 से ज्यादा केस दर्ज हैं। इस पर रंगदारी मांगने का आरोप है। वहीं उत्तराखंड पुलिस ने उसके ऊपर 15 हजार रुपये का इनाम भी रखा हुआ है।