नई दिल्ली। रोहिणी जिले के प्रशांत विहार इलाके में विस्फोट की घटना के बाद से कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। इनमें एक सवाल ब्लास्ट की टाइमिंग पर भी उठ रहा है। सूत्रों की मानें ताे जिसने भी बम प्लांट किया वो देश की जांच एजेंसियों को एक मैसेज और सिग्नल देना चाहता था। इसलिए उसने बम ब्लास्ट करने के लिए स्कूल की दीवार को चुना। साथ ही संदिग्ध ने विस्फोट के लिए सुबह का वक्त चुना। उसने मध्य जिले दिल्ली या फिर भीड़ का स्थान नहीं चुना। वहीं जिस तरह से सुबह का वक्त और दीवार की साइड बम प्लांट किया गया,, उससे संदिग्ध की मंशा साफ है कि वह सिर्फ मैसेज देना चाहता था। वहीं जांच एजेंसियों को मौके से जो सफेद पाउडर मिला है उसे लेकर शक है। इस देसी बम या फिर कच्चे बम जिसे क्रूड कहा जाता है उसमें अमोनियम फॉस्फेट और कुछ केमिकल मिलाकर बम बनाया गया होगा।
हालांकि एफएसएल, सीआरपीएफ और एनएसजी ने ब्लास्ट के बाद मौके से जो कण जुटाए हैं, उसकी जांच के बाद ही केमिकल का पता चल सकेगा। विस्फोट वाली जगह से कुछ वायर मिले हैं, लेकिन वो पहले से घटनास्थल पर थे या नहीं इसकी जांच की जा रही है। यह पूरी घटना वहां लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई है। फुटेज देखने के बाद साफ पता चलता है कि धमाका बहुत तेज थी। वहीं माना जा रहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय इस मामले की जांच का जिम्मा एनआईए को सौंप सकती है। घटना की तफ्तीश की रिपोर्ट के बाद मंगलवार तक इस मामले में आगे का फैसला लिया जा सकता है। सरकार आतंकी साजिश या कोई बड़े वारदात की संभावना को देखते हुए इस केस को एनआईए को ट्रांसफर कर सकती है।
दिल्ली में 13 साल बाद कोई ब्लास्ट
दिल्ली में तकरीबन 13 साल बाद कोई ब्लास्ट हुआ है। 2011 के बाद से दिल्ली में अभी तक कोई ब्लास्ट नहीं हुआ था। हालांकि 14 जनवरी 2022 को गाजीपुर फूल मंडी के गेट पर बैग में आईईडी विस्फोटक बरामद हुआ था। विस्फोटक होने की सूचना पर एनएसजी की बम निरोधक दस्ता मौके पर पहुंची थी। तब फूल मंडी के पार्किंग में एक बड़ा गड्ढा कर उसमें बम को निष्क्रिय किया गया था। बम को निष्क्रिय करने पर तेज धमाका भी हुआ था। जांच में सामने आया था कि बम को बनाने में आरडीएक्स और अमोनियम नाइट्रेट के साथ ही छर्रे का इस्तेमाल किया गया था।