शामली। दिल्ली-देहरादून कॉरिडोर हाईवे पर कट की मांग को लेकर भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) का आंदोलन जारी है। छह महीने से अधिक समय से चल रहे इस आंदोलन को और तेज करते हुए आज किसान नेता राकेश टिकैत और गौरव टिकैत के नेतृत्व में हजारों किसानों ने भाजू कट से शामली कलेक्ट्रेट तक पैदल मार्च निकाला।
राकेश टिकैत ने बिना नाम लिए जयंत चौधरी पर निशाना साधते हुए कहा कि सत्ता में आने के बाद कोई भी किसानों की लड़ाई नहीं लड़ता। “किसानों की यह लड़ाई कट की नहीं, बल्कि उनके हक की है। जब नेता सत्ता में होते हैं, तो किसानों की लड़ाई नहीं लड़ते, लेकिन जब विपक्ष में होते हैं, तो बड़े-बड़े आंदोलन करते हैं। यह लड़ाई तब तक जारी रहेगी, जब तक किसानों को न्याय नहीं मिल जाता।”
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धरना स्थल पर बढ़ा तनाव, टिकैत ने संभाला मोर्चा
धरना प्रदर्शन के दौरान कुछ युवकों के बीच तीखी झड़प भी हो गई, लेकिन किसान नेता गौरव टिकैत ने बीच-बचाव कर स्थिति को संभाला और आंदोलन को शांतिपूर्ण बनाए रखने की अपील की।
हाईवे कट की मांग पर अड़ा किसान आंदोलन
भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के बैनर तले किसान दिल्ली-देहरादून कॉरिडोर के भज्जू गांव के पास एक कट की मांग को लेकर छह महीने से धरने पर बैठे हैं। किसानों का कहना है कि इस कट के अभाव में जनपद शामली और मुजफ्फरनगर के लगभग 50 गांव प्रभावित हो रहे हैं। किसानों की मांग पूरी न होने पर आज यह बड़ा पैदल मार्च निकाला गया।
भाकियू आज भाजू कट से शामली कलेक्ट्रेट तक करेगी पैदल मार्च, राकेश टिकैत रहेंगे मौजूद
राकेश टिकैत ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार ने गन्ना किसानों के साथ अन्याय किया है। गन्ने का मूल्य नहीं बढ़ाया गया, जिससे किसान नाखुश हैं। उन्होंने दो टूक कहा कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती, तब तक धरना जारी रहेगा। सरकार चाहे तो बलपूर्वक आंदोलन को कुचल सकती है, लेकिन किसान अपने हक की लड़ाई नहीं छोड़ेंगे।
राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना
राकेश टिकैत ने कहा कि देश में भूमि अधिग्रहण और बिजली संशोधन विधेयक (अमेंडमेंट बिल) जैसे मुद्दे किसानों के लिए गंभीर संकट बन चुके हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार धीरे-धीरे बिजली को निजी हाथों में सौंप रही है, जिससे किसानों पर भारी भरकम बिजली बिल का बोझ पड़ेगा। उन्होंने आगरा और नोएडा का उदाहरण देते हुए बताया कि वहां बिजली निजीकरण के कारण किसानों पर लाखों रुपये का बकाया हो चुका है, जिससे उनकी जमीनें नीलाम होने की कगार पर हैं।
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कर्जमाफी योजना का फायदा उठाने का आह्वान
राकेश टिकैत ने किसानों को जागरूक करते हुए कहा कि सरकार ने कर्ज माफी की योजना निकाली है, लेकिन बैंक अधिकारी इसका प्रचार-प्रसार नहीं कर रहे हैं। उन्होंने किसानों से अपील की कि जिनका खाता 2020 से पहले एनपीए हो चुका है, वे 25% मूलधन जमा कर अपनी पूरी ब्याज माफी का लाभ लें।