मनुष्य की शोभा कपड़े से नहीं वरन वाणी, व्यवहार और कर्मों की सुगन्ध से होती है। ज्ञान जिस किसी से भी मिले उसे प्राप्त कर लेना चाहिए और बदले में कृतज्ञता प्रकट करनी चाहिए।
वक्त, इंसान और रिश्ते- इनका मूल्य और इनका महत्व इनके खो जाने के बाद ही समझ आता है। काश इनकी कीमत पहले समझी जाये।
मीठे बोल और अच्छी भावना किसी के दुख में दवा का काम कर सकती हैं, इसके लिए कुछ खर्च भी करना नहीं पड़ता।यदि सामने वाला आपसे झुककर मिलता है, तो समझ लो उसका कद आपसे बड़ा है। जिस किसी ने अपनों को बदलते देखा है, हमने उसको हर मुसीबत में संवरते देखा है। जहां से इंसान का अहंकार समाप्त होता है, वहीं से प्रभु की उपासना का मार्ग खुलता है। आंखे ‘बंद’ होने से पहले ही आंखों के ‘खुल’ जाने का अर्थ है जीवन सफल हो गया।
अच्छा इंसान कहीं नहीं मिलेगा, बस स्वयं अच्छा इंसान बनने का प्रयास करें, तलाश पूरी हो जायेगी। भरोसा करना अच्छी बात है, लेकिन किसी के भरोसे पर इतना भी मत आओ कि अंधे हो जाओ और असली रंग को भी न पहचान सको।