हैदराबाद। तेलंगाना में कांग्रेस पार्टी को झटका देते हुए वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री नागम जनार्दन रेड्डी ने अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनाव का टिकट न मिलने के बाद पार्टी छोड़ दी।
उन्होंने अपना इस्तीफा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को भेजा। उन्होंने कहा कि पार्टी ने उनके साथ अन्याय किया है। इस तथ्य के बावजूद कि उन्होंने नगरकुर्नूल में पार्टी को मजबूत किया था, जहां पार्टी पिछले 30 साल में कभी भी विधानसभा चुनाव नहीं जीत पाई थी।
जनार्दन रेड्डी ने पत्र में कहा, “यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस जैसी राष्ट्रीय पार्टी अपनी कमजोरियों को उजागर कर रही है और खुद को गैर-जिम्मेदाराना तरीके से संचालित कर रही है। इसलिए मैं कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे रहा हूं।”
उनके इस्तीफे के तुरंत बाद, भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के नेता के. टी. रामाराव और टी. हरीश राव ने उनसे मुलाकात की और उन्हें बीआरएस में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया।
बैठक के बाद जनार्दन रेड्डी ने मीडियाकर्मियों से कहा कि वह नागरकर्नूल के भविष्य के लिए बीआरएस में शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि वह नागरकुर्नूल में बीआरएस उम्मीदवार मैरी जनार्दन रेड्डी के साथ काम करेंगे।
टिकट कटने के बाद जनार्दन रेड्डी कांग्रेस नेतृत्व से नाराज थे। उन्होंने तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी (टीपीसीसी) के अध्यक्ष ए. रेवंत रेड्डी पर जमकर निशाना साधा था।
कांग्रेस ने इस सीट से के. राजेश रेड्डी को अपना उम्मीदवार बनाया है। बीआरएस विधायक के. दामोदर रेड्डी के बेटे राजेश हाल ही में कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए थे।
नागम जनार्दन रेड्डी ने लंबे समय से पार्टी की सेवा कर रहे लोगों की अनदेखी करते हुए दलबदलुओं को टिकट देने के पार्टी के फैसले की आलोचना की थी।
नागरकर्नूल से छह बार विधायक रहे, जनार्दन रेड्डी ने आरोप लगाया था कि पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को गुमराह करके राज्य में कांग्रेस पार्टी को नष्ट किया जा रहा है।
नागम जनार्दन रेड्डी 2018 चुनाव से पहले तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे। पूर्व मंत्री, जो लगातार पांच बार नागरकुर्नूल से चुने गए, 2018 का चुनाव बीआरएस उम्मीदवार मैरी जनार्दन रेड्डी से हार गए।