नोएडा। भारतीय किसान यूनियन ने ग्रेटर नोएडा में चल रहे किसानों के आंदोलन में कुछ लोगों और एक संगठन पर अराजकता फैलाने, हंगामा करने और वार्ता को ठीक तरीके से पूरा न होने देने का आरोप लगाया है।
बाबा सिद्दीकी हत्याकांड के आरोपियों का खुलासा, हिट लिस्ट में थे सलमान खान
भारतीय किसान यूनियन के पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष पवन खटाना ने फेसबुक लाइव के माध्यम से अपने साथियों को जोड़ा और उनको बताया कि किस तरीके से आंदोलन सही रास्ते पर जा रहा था और अधिकारी और सरकार किसानों की बात सुनने को तैयार भी हो गए थे उन्होंने महापंचायत के दिन जेल में बंद 123 लोगों को रिहा भी किया और उनसे बात करने की तैयारी के लिए दो से तीन दिन का समय भी मांगा, लेकिन इसी आंदोलन में कुछ लोग ऐसे हैं, जो विपक्षी दलों के साथ मिलकर वार्ता को पूरा नहीं होने देना चाहते।
पवन खटाना ने कहा है कि ऐसे संगठन और ऐसे किसान नेताओं से भारतीय किसान यूनियन को खुद को अलग रखना है और उनसे भी निवेदन करता है कि वे भारतीय किसान यूनियन से अलग रहें। पवन खटाना के मुताबिक इस धरने में कुछ लोग सड़कों पर उतारना चाहते हैं, जबकि सड़कों पर चलने वाले लोग भी हमारे भाई हैं, हमारे सड़कों पर उतरने से उनको तकलीफ होती है, दिक्कत का सामना करना पड़ता है।
महिला जज का पीछा करने वाले वकील को मिली जमानत, एक साल से ज़्यादा से जेल में है बंद
भारतीय किसान यूनियन हमेशा से शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करता आया है और वार्ता के लिए भी भी तैयार रहता है। लेकिन इस धरना प्रदर्शन में कुछ संगठन और कुछ लोग ऐसे हैं, जो विपक्षी पार्टियों के बहकावे और उनसे मिलकर सरकार से बात पूरी नहीं होने देना चाहते। पवन खटाना ने यह भी कहा है कि आंदोलन को भारतीय किसान यूनियन सभी के साथ मिलकर और आगे ले जाएगा। गौरतलब है कि 26 नवंबर से शुरू इस आंदोलन में संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले कई किसान संगठन एक साथ मिलकर धरना प्रदर्शन करते आ रहे हैं।
अधिकारियों ने कई बार बात करने की भी कोशिश की और काफी हद तक बात सफल भी रही। लेकिन मामला दलित प्रेरणा स्थल पर बैठने को लेकर बिगड़ गया। इसके बाद महापंचायत में भी भारतीय किसान परिषद के सुखबीर खलीफा ने मंच से यह घोषणा कर दी की धरना दलित प्रेरणा स्थल पर ही फिर से शुरू होगा। इसके बाद पुलिस ने बुधवार की रात सुखबीर खलीफा और 34 अन्य लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।