संभल। संभल हिंसा के बाद सियासी तापमान लगातार बढ़ रहा है। विपक्षी दलों के नेता उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं। समाजवादी पार्टी की सांसद इकरा हसन ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को संभल जाने से रोकने के लिए यूपी सरकार की मंशा पर सवाल उठाए।
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इकरा हसन ने कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार जो कुछ कर रही है, उससे उनकी नीयत पर सवाल उठते हैं। आखिर ऐसा क्या है कि जनप्रतिनिधियों को घटनास्थल पर जाने से रोका जा रहा है? हम केवल यह जानना चाहते हैं कि वहां क्या घटना हुई और इसके पीछे कौन लोग हैं। लेकिन सरकार का रवैया ऐसा है जैसे वे कुछ छिपाने की कोशिश कर रहे हों।”
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने बुधवार को संभल जाकर हिंसा में मारे गए युवकों के परिजनों से मुलाकात करने की योजना बनाई थी। लेकिन प्रशासन ने 10 दिसंबर तक शहर में बाहरी लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाते हुए उन्हें जाने की इजाजत नहीं दी। गाजीपुर बॉर्डर पर राहुल गांधी के काफिले को रोक दिया गया, जिसके बाद वे दिल्ली लौट गए।
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पुलिस प्रशासन ने कहा कि हिंसा के बाद स्थिति को नियंत्रित करने के लिए ये कदम उठाए गए हैं। बाहरी लोगों के आने से तनाव और बढ़ सकता था, इसलिए राहुल गांधी समेत अन्य नेताओं को संभल जाने से रोका गया।
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विपक्षी दलों का कहना है कि सरकार विपक्षी नेताओं को पीड़ित परिवारों से मिलने से रोककर सच्चाई को छिपाना चाहती है। कांग्रेस और सपा ने इस मामले को जनता के अधिकारों और लोकतंत्र पर हमला करार दिया है।
संभल में हाल ही में हुई हिंसा में चार लोगों की मौत हुई थी और कई घायल हो गए थे। घटना के बाद से ही माहौल तनावपूर्ण है। स्थानीय प्रशासन ने जांच के लिए इलाके में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की है और बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर रोक लगा दी है।