नई दिल्ली। देश में अनुसंधान अनुदान और फंड के लिए एक विशेष महिला पोर्टल की घोषणा की गई है। यह पोर्टल 1 अप्रैल से काम करना शुरू कर देगा। देश भर में केवल महिला वैज्ञानिक ही विज्ञान और इंजीनियरिंग के प्रमुख विषयों जैसे जीवन विज्ञान, रसायन विज्ञान, भौतिक विज्ञान, इंजीनियरिंग विज्ञान और इंटर, ट्रांस अनुशासनिक विज्ञान में अनुसंधान अनुदान के लिए आवेदन करने की पात्र होंगी।
केंद्र सरकार के मुताबिक रिसर्च फेलो के स्टाइपेंड सहित एक शोध प्रस्ताव का कुल बजट आम तौर पर 25-30 लाख की सीमा से अधिक नहीं होना चाहिए।
वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर)-एस्पायर के तहत महिला वैज्ञानिकों के लिए विशेष अनुसंधान अनुदान शुरू करने का फैसला किया है। इस संबंध में एक विशेष पोर्टल 1 अप्रैल, 2023 से उपलब्ध होगा। महिला वैज्ञानिकों से प्रस्तावों को आमंत्रित करने के लिए विशेष कॉल उसी दिन खुलेगी।
केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह की अध्यक्षता में 17 दिसंबर, 2022 को सीएसआईआर की गवनिर्ंग बॉडी की 200वीं बैठक के दौरान बाह्य अनुसंधान योजना के तहत महिला वैज्ञानिकों से अनुसंधान अनुदान प्रस्तावों को आमंत्रित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, यह पहल महिलाओं को सशक्त बनाने और देश में ‘नारी शक्ति’ को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल से जुड़ी है। उन्होंने कहा, जैसा कि हम अमृत काल की ओर बढ़ रहे हैं, यह भारत की विकास यात्रा में नारी शक्ति को सबसे आगे रखने के प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों की दिशा में एक और दूरदर्शी कदम है।
सीएसआईआर महिला सशक्तिकरण की दिशा में कई कदम उठा रहा है, जिसमें सीएसआईआर- केंद्रीय चमड़ा अनुसंधान संस्थान द्वारा महिला उद्यमियों के लिए सीएसआईआर प्रौद्योगिकियों पर 15 प्रतिशत छूट और सीएसआईआर डोमेन के पूरे स्पेक्ट्रम में प्रशिक्षण कार्यक्रमों की एक श्रृंखला शामिल है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि 2 करोड़ पीएम आवास-ग्रामीण लाभार्थियों में से 68 प्रतिशत महिलाएं हैं और 23 करोड़ से अधिक मुद्रा ऋण महिला लाभार्थियों को दिए गए हैं। एनएफएचएस-5 के सर्वेक्षण के मुताबिक, पहली बार भारत में लिंगानुपात सुधर कर प्रति 1,000 पुरुषों पर 1,020 महिलाओं का हो गया है।
अब महिलाएं हर क्षेत्र में ऊंचाई छू रही हैं। हाल ही में, भारतीय वायु सेना ने ग्रुप कैप्टन शालिजा धामी को पाकिस्तान के सामने पश्चिमी क्षेत्र में एक मिसाइल स्क्वाड्रन की कमान संभालने वाली पहली महिला अधिकारी के रूप में नियुक्त किया। महिला सीआरपीएफ लड़ाकों को माओवादी विरोधी कोबरा यूनिट में शामिल किया गया है। महिला अधिकारियों ने सेना की विभिन्न इकाइयों की कमान भी संभालनी शुरू कर दी है। नौसेना ने फ्रंट लाइन वारशिप पर महिला अधिकारियों को शामिल करना भी शुरू कर दिया है।