लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने सड़क सुरक्षा को मजबूत करने के लिए एक नई योजना शुरू की है, जिसके तहत अब बिना हेलमेट या सीट बेल्ट के सरकारी और निजी दफ्तरों में एंट्री नहीं मिलेगी। “नो हेलमेट, नो फ्यूल” के बाद अब “नो हेलमेट, नो एंट्री – नो अटेंडेंस” नियम भी प्रदेश में लागू कर दिया गया है।
मुख्य सचिव द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार, जो सरकारी कर्मचारी बिना हेलमेट या सीट बेल्ट के कार्यालय पहुंचेगा, उसे अनुपस्थित माना जाएगा। इसी तरह, स्कूलों में भी छात्रों के लिए यह नियम लागू किया गया है—जो छात्र हेलमेट पहनकर नहीं आएंगे, उन्हें स्कूल में प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
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उत्तर प्रदेश सरकार पहले ही “नो हेलमेट, नो फ्यूल” योजना लागू कर चुकी है, जिसमें बिना हेलमेट के पेट्रोल पंपों पर ईंधन नहीं दिया जाता। अब इस नए नियम से लोगों को सड़क सुरक्षा के प्रति अधिक सतर्क और जिम्मेदार बनाने की कोशिश की जा रही है।
राज्य सरकार का यह निर्णय सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए लिया गया है। अधिकारियों का मानना है कि इस नियम के सख्ती से पालन से सड़क पर दोपहिया वाहन चालकों की सुरक्षा बढ़ेगी और दुर्घटनाओं में कमी आएगी। सरकारी दफ्तरों और स्कूलों में भी इसे प्रभावी रूप से लागू करने के निर्देश दिए गए हैं।