Wednesday, October 9, 2024

देश में पनप रही सांप्रदायिकता ने माहौल को खराब कर दिया है जिसके लिए सदभाव प्रेम से इसको समाप्त किया जा सकता है :- मौलाना अरशद मदनी

देवबंद (सहारनपुर)। देश की आजादी से लेकर अब तक जो कुरबानी जमीयत उलमा-ए-हिन्द ने दी है वो किसी से ढकी छुपी नहीं है और आज देश में जो माहोल को खराब किया जा रहा है और सांप्रदायिक तनाव को पैदा किया जा रहा है वो देश के हित में नहीं है। जमीयत उलमा-ए-हिन्द के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना सैय्यद अरशद मदनी ने ईदगाह रोड स्थित मदनी मैमोरियल पब्लिक स्कूल में जमीयत उलमा-ए-हिन्द के तत्वाधान में आयोजित मजलिस-ए-मुंतजिमा (जनरल बॉडी) के सक्रिय कार्यकर्ताओं के सम्मेलन को संबोधित करते यह बाते कही।
मजलिस-ए-मुंताजिम  (जनरल बॉडी) के इजलास(सम्मेलन) में पश्चिम उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद, अलीगढ़, मेरठ, बागपत, मुज़फ्फरनगर, शामली, सहारनपुर, बिजनौर, हापुड़, गाज़ियाबाद, बुलंदशहर,आदि समेत 17 जिलों के पदाधिकारी एवं लगभग 1500 पंद्रह सौ प्रदेश कार्यकारिणी के सक्रिय सदस्यों ने भाग लिया व जमीयत उलमा-ए-हिन्द द्वारा सम्मेलन में प्रशिक्षण प्राप्त किया। इजलास में संगठन की मजबूती पर विस्तार के साथ चर्चा की गई। सांप्रदायिक माहौल को परिवर्तन करके अच्छे माहौल की स्थापना में सहयोग करने व कक्षा 8 के बाद लड़कियों के लिए अलग शिक्षण संस्थान खोलने आदि के साथ-साथ मतदाता जागरूकता अभियान चलाने के अलावा वोटर लिस्टो में नये नामो को जुड़वाने आदि विषयों पर गंभीरता से मंथन किया गया और सम्मेलन में सर्वसम्मति से विभिन्न प्रस्तावों को पारित किया गया।
सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए प्रांतीय अध्यक्ष मौलाना सैयद अशहद रशीदी ने कहा की मैं जमीयत उलमा के कार्यकर्ताओं को कहूंगा की आप का जुड़ाव ऐसे संगठन से जिसके पूर्वजों ने देश की स्वतंत्रता के लिए बडी-बडी परेशानियों को उठाया और देश को आजादी दिलाई ,उन्होंने कहा की जमीयत उलमा-ए-हिन्द की स्थापना का मूल उद्देश्य राष्ट्र एवम् देश सेवा करना तथा इस्लामिक संस्कारों की रक्षा करना है।
उन्होंने कहा की जमीयत उलमा हिंद लोकतंत्र की मजबूती के लिए भरपूर जरूरी समझती है। जमीयत उलमा-ए-हिन्द  ने आठ बिंदुवार कार्यक्रमों की रूप रेखा को तैयार करकर जिले के पदाधिकारियों को निर्देशित किया गया कि अपने-अपने जिले में 8 बिंदुओं पर विशेष कार्य करे। सम्मेलन के मुख्य अथिति जमीयत उलमा हिंद के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी ने कहा मैं सब से कहता हू जहां आप रहते है वहां प्यारो मोहब्बत को आम करे। उन्होंने कहा की आज देश में सांप्रदायिक ताकतें आग लगा रही है जो समाज को बांटने पर तुली हुई है। जिनसे सावधान रहना बेहद जरूरी है। मौलाना मदनी ने कहा की साम्प्रदायिक शक्तियों द्वारा नफरत के नारे देना देश की मुखालफत है। मौलाना अरशद मदनी ने विभाजन का जिक्र करते हुए कहा की सांप्रदायिकता की वजह से हमारा देश टूट चुका है अगर सांप्रदायिकता बढ़ेगी तो देश को नुकसान होगा ।
मौलाना मदनी ने कहा की लोकतंत्र की मजबूती और सेकुलर संविधान को लेकर जमीयत उलमा मैदान में है। फिलीस्तीन में हो रही बमबारी का कड़ा विरोध करते हुए मौलाना मदनी ने कहा की हजारों बच्चों, औरतों, नौजवानों को शहीद कर दिया है। उन्होंने कहा की फिलस्तीन के नागरिक अपनी स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ रहे है ,जबकि इजराइल आक्रमण कर रहा है ।
मौलाना अरशद मदनी ने लडकियो की शिक्षा के लिए अलग स्कूल बनाने की अपील करते हुए कहा की लडकियो को धर्मांतरण का शिकार बनाया जाता है। जिससे खानदान के खानदान बर्बाद हो जाते है। उन्होंने कहा की जमीयत उलमा हिंद इस मिशन पर काम कर रही । सम्मेलन में मौलाना काब रशीदी ने कहा की भारत का लोकतंत्र सभी को अपने-अपने धर्मानुसार जीवन व्यतीत करने की आज़ादी देता है। उन्होंने मदरसो की उपलब्धियों पर विस्तार से प्रकाश डाला। सम्मेलन का संचालन मुफ्ती अशफ़ाक आजमी ने किया और सम्मेलन का घोषणा पत्र जारी किया। इस दौरान मौलाना सय्यद अजहर मदनी,मौलाना हबीबुल्लाह मदनी हाफिज अब्दुल कुद्दूस हादी ने भी संबोधन किया।

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