Monday, December 23, 2024

प्रभु श्रीराम की सुमधुर किलकारियों को सुन आनंदित हुए किन्नरों ने सोहर और बधाई गाकर शुरू की थी नेग लेने की परंपरा

अयोध्या। 500 वर्षों के पराभव काल के बाद अब प्रभु श्रीराम के त्रेतायुगीन उसी वैभव को कलियुग में एक बार फिर साकार होता देख किन्नर समाज उल्लास से भर उठा है। अयोध्या का किन्नर समाज पुलकित होकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गोरक्षपीठाधीश्वर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दुआएं दे रहा है।

उनका कहना है कि इस गौरव को लौटाने वाले दोनों नायकों पर प्रभु श्रीराम सदा सहाय हों और दसों दिशाओं में इनका यशोगान होता रहे। ये वही किन्नर समाज है, जिसने रामलला के जन्म पर बधाई गाकर नेग स्वीकार करने के चलन को प्रचलन में लाया।

ये वही समाज है जब वन को निर्वासित जनप्रिय युवराज राम से मिलकर उनके आदेश पर चरण पादुका को सिर पर सुशोभित करते हुए भरत नंदीग्राम के लिए अयोध्या की सकल नर-नारी रूपी जनमानस के साथ प्रस्थान कर गए थे, लेकिन, वहीं तमसा नदी के किनारे 14 वर्ष समाज से दूर रहकर किन्नर वनवास की अवधि के दौरान निरंतर राम राजा के यशोगान के निमित्त साधना आराधना में लीन रहे।

गद्दीपति व अयोध्या जिले की किन्नर समाज की अध्यक्ष पिंकी मिश्रा ने बताया कि किन्नरों ने श्रीराम को गोद में लिया, ढोलक-मजीरा बजाकर बधाई गाई, बलाइयां लीं और उस नेग को स्वीकार किया जिसे राजा दशरथ के लाख अनुरोध के बाद भी कोई नहीं स्वीकार कर रहा था। वहीं, जब वनवास से राम जी लौटकर आए तो किन्नरों ने बताया कि प्रभु हमने अयोध्या से दूर रहकर आपका इंतजार करते हुए साधना-आराधना और यशोगान किया।

प्रभु श्रीराम ने उनके इस अप्रतिम समर्पण को शीश झुकाकर प्रणाम किया और आशीर्वाद दिया कि जिस भी घर में दो से तीन प्राणी होंगे, मांगलिक कार्य होगा तो आप उनको बधाइयां व आशीर्वाद देंगे तथा बदले में नेग लेंगे। तब से यह परंपरा आज के दिन तक निरंतर कायम है। अहो भाग्य, राम जी फिर पधार रहे हैं। अपार खुशी है राम जी अपने राजमहल में विराजमान हो रहे हैं तो हम किन्नर झोली फैलाकर यह मांग कर रहे हैं कि भले एक पैसा ही सही, हमें राम जी का नेग दिया जाए क्योंकि हम राम जी का ही दिया खाते हैं और उन्हीं के गुण गाते हैं।

किन्नर लवली ने कहा कि जन्मभूमि के लिए संघर्ष करने में गोरक्षपीठ की बड़ी भूमिका रही है। महंत दिग्विजयनाथ हों या महंत अवेद्यनाथ, जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन में जब भी कुछ नया घटनाक्रम हुआ, गोरक्षनाथ महत्वपूर्ण भूमिका में रहा। यहां आकर राम मंदिर के लिए चिंता और चिंतन करने वाले योगी आदित्यनाथ को जब मौका मिला तो उन्होंने पूर्वजों की उस साधना को सिद्धि में परिवर्तित करके दिखा दिया। सीएम योगी आदित्यनाथ बार-बार कहते हैं कि मेरे एक ही राजा हैं-वो हैं राजा राम। राजा राम की नगरी के विकास को लेकर उन्होंने इस बात को साबित भी किया है।

किन्नर नरगिस ने कहा कि सप्तपुरियों में प्रथम अयोध्या धाम विकास और विरासत के संरक्षण की मानक नगरी बनेगी। श्रीराम के अनन्य भक्त योगी आदित्यनाथ ने इसका संकल्प लिया था। राम भगवान जी अपनी अयोध्या के मंदिर में आ रहे हैं तो वह संकल्प भी पूरा हो रहा है और किन्नर समाज में खुशी की लहर आ रही है।

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