गाजियाबाद। रंजिश में साइबर कैफे संचालक की अपहरण के बाद हत्या करने के मामले में एडीजे-10 आनंद प्रकाश सिंह की अदालत ने मुन्ना, सुरेखा व अंकिता को उम्र कैद की सजा सुनाई है। अदालत ने तीनों कर अलग-अलग जुर्माना भी लगाया।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता सुनील कौशिक ने बताया कि बलिया के रहने वाले पंकज साहिबाबाद स्थित आईएमई कॉलेज से एलएलबी की पढ़ाई कर रहे थे। इसके अलावा वह गिरधर एंक्लेव में साइबर कैफे चलाने के साथ ट्यूशन भी पढ़ाते थे। पंकज मुन्ना के मकान में किराये पर रहते थे। पंकज का काम ठीक-ठाक चल रहा था। इसी बात को लेकर मुन्ना व उसका परिवार उससे रंजिश मानने लगा था। बताया गया है कि मुन्ना, पंकज का साइबर कैफे हड़पना चाहता था।
नौ अक्तूबर 2019 की रात मुन्ना ने पंकज को अपने घर बुलाया और हत्या कर शव अपने घर के बेसमेंट में दफना दिया।
मामले की जांच में जुटी पुलिस मुन्ना के घर पहुंची को बदबू आने पर खोदाई करवाई गई। इसके बाद पंकज का शव मिला। जांच में पुलिस को पता चला कि मुन्ना उसकी पत्नी सुरेखा व उनकी बेटी अंकिता ने मिलकर हत्याकांड को अंजाम दिया था और शव दफना दिया था। पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। पुख्ता साक्ष्यों व गवाहों के बयान के आधार पर अदालत ने तीनों को उम्र कैद की सजा सुनाई। साथ ही मुन्ना पर 55 हजार रुपये, सुरेखा व अंकिता पर 15-15 हजार रुपये जुर्माना लगाया गया है।