Friday, June 28, 2024

राजस्थान में ट्रक ने बस को मारी टक्कर, 12 लोगों की मौत, गंभीर घायल जयपुर रेफर

भरतपुर/ जयपुर। राजस्थान के भरतपुर जिले में लखनपुर थाना क्षेत्र के आगरा-जयपुर नेशनल हाइवे-21 पर हंतारा के पास बुधवार सुबह 5:30 बजे ट्रक ने बस को टक्कर मार दी। हादसे में 12 लोगों की मौत हो गई। हादसे में नौ लोग गंभीर घायल हुए हैं। बस में सवार सभी 57 यात्री गुजरात के भावनगर के रहने वाले हैं। पुलिस ने ट्रक ड्राइवर हिरासत में लिया है। वह एक होटल में छिपकर बैठा था।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हादसे पर दुख जताते हुए मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर कहा- “राजस्थान के भरतपुर में हुआ सड़क हादसा अत्यंत दुखद है। इसमें गुजरात से धार्मिक यात्रा पर गए जिन श्रद्धालुओं को अपनी जान गंवानी पड़ी है, उनके परिवारजनों के प्रति मेरी शोक-संवेदनाएं। इसके साथ ही मैं सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।” प्रधानमंत्री ने मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख और घायलों को 50 हजार रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा भी की है।

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पुलिस के अनुसार बस भावनगर से मथुरा होते हुए हरिद्वार जा रही थी। सुबह भरतपुर-आगरा हाइवे पर अचानक बस खराब हो गई। ड्राइवर और उसके साथी समेत अन्य यात्री बस से उतर गए। ड्राइवर और उसके साथी बस की तकनीकी खराबी को ठीक कर रहे थे कि एक ट्रक ने टक्कर मारी और वह किनारे खड़े लोगों को कुचलते हुए निकल गया। इस दौरान वहां से गुजर रहे अन्य वाहनों के ड्राइवरों ने सड़क पर पड़े बेसुध लोगों को देखा तो पुलिस को कॉल की और एम्बुलेंस मंगवाई। हादसे के बाद शव हाइवे पर बिखर गए। वहां मौजूद लोगों ने एक-एक शव को बीच सड़क से हटाकर साइड में रखवाया। सभी शवों को भरतपुर जिला अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया है।

लखनपुर पुलिस के अनुसार मृतकों में अन्तुभाई पुत्र लालजी, नंदराम पुत्र मयूर, कल्लो बेन, भरत पुत्र भीखा, लल्लू पुत्र दयाभाई, लालजी पुत्र मनजीभाई, अम्बा पत्नी झीणा, कम्बू बेन पत्नी पोपट, रामू बेन पत्नी ऊदा, मधु बेन पत्नी अरविंद दागी, अंजू पत्नी थापा और मधु पत्नी लालजी चूड़ासमा हैं। मृतकों में सभी की उम्र करीब पचास से सत्तर साल के बीच है। सभी गुजरात के भावनगर जिले के डीहोर निवासी हैं।

हादसे पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी संवेदना जताई। उन्होंने एक्स पर लिखा कि भरतपुर में गुजरात से धार्मिक यात्रा आए श्रद्धालुओं की बस और ट्रेलर की टक्कर में 11 लोगों की मृत्यु अत्यंत दुखद है। पुलिस-प्रशासन मौके पर है एवं घायलों को उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया है। मैं ईश्वर से सभी दिवंगतजनों की आत्मा की शांति एवं परिजनों को हिम्मत देने की प्रार्थना करता हूं। ईश्वर सभी घायलों को जल्द स्वस्थ करें।

एक घायल बाबू भाई ने बताया कि इस बार जुलाई-अगस्त में तय किया था कि भावनगर से अजमेर, पुष्कर, मथुरा और वृंदावन होते हुए हरिद्वार जाएंगे। 12 दिन की धार्मिक यात्रा थी और इसमें 45 से 60 साल तक के लोग थे। हम 9 सितंबर को ही भावनगर से निकले थे। 12 सितंबर की सुबह पूरा जत्था पुष्कर पहुंचा। पूरे दिन यहां दर्शन किए। नाश्ता और खाना भी यहीं बनाकर खाया। फिर तय किया कि रात को यहां से निकलेंगे। रात करीब 8 बजे पुष्कर से निकले थे। बस में चढ़ने के बाद कोई भजन गा रहा था तो कोई नाच रहा था। किसी को पता नहीं था कि अगले दिन की सुबह हमारे लिए दर्दनाक होगी। उन्होंने बताया कि रात 8 बजे से हम लगातार चल रहे थे। पुष्कर से निकले तो तय कर लिया था कि अब बस सीधे मथुरा में ही रोकेंगे। ऐसे में अधिकांश यात्री थकान की वजह से सो रहे थे। सुबह 5 बजे अचानक बस हाइवे पर आकर रुक गई। ड्राइवर विपुल भाई सयाल ने चेक किया तो पता चला कि डीजल टैंक का पाइप फट गया है। टैंक से डीजल निकलने लगा था। विपुल भाई ने सभी को जगाया और कहा कि बस खराब है, एक घंटा लगेगा। सुबह का समय था तो करीब 30 यात्री बस के नीचे उतर गए और दरी लगाकर एक तरफ बैठ गए। बस पुल पर बनी दीवार की तरफ खड़ी थी। कुछ लोग बस के पीछे, कुछ साइड में और कुछ आगे की तरफ बैठे थे। आधे घंटे बाद एक तेज रफ्तार ट्रक ने टक्कर मारी। भिड़ंत इतनी जबरदस्त थी कि कुछ लोग उछल कर सड़क पर गिरे गए। मुझे भी टक्कर लगी और सिर में चोट आई। बस में बैठे लोग चिल्लाने और रोने लगे। इसके बाद अफरा-तफरी मच गई।

नदबई पुलिस वृत्ताधिकारी हरिराम ने बताया कि घटना के बाद ट्रक ड्राइवर मौके से फरार हो गया। घटना स्थल से करीब 10 किलोमीटर की दूरी पर बने एक होटल में ट्रक खड़ा किया और वहां छिप कर बैठ गया। पुलिस जब होटल में पहुंची तो ट्रक को देखा। ट्रक का आगे का हिस्सा पिचका हुआ था। शक होने पर होटल में काम करने वालों से पूछताछ की तो बताया कि ड्राइवर इसी होटल में है। ड्राइवर को डिटेन कर पूछताछ की तो उसने बताया कि बस पुल पर खड़ी थी। उसके ट्रक में लोहा भरा था। दूर से जब उसने बस को देखा तो ऐसा लग रहा था कि बस चल रही है। अंधेरे और ढलान की वजह से वह अंदाजा नहीं लगा पाया कि बस खड़ी है या चल रही है। ढलान पर भी ट्रक की स्पीड तेज थी। ढलान और बस की ऊंचाई की वजह से उसे सड़क पर बैठे लोग भी नहीं दिखे। जब वह बस के बिल्कुल करीब पहुंचा तो उसे सड़क पर बैठे लोग दिखे। वह हड़बड़ा गया। ड्राइवर का दावा है कि उसने कोशिश की, लेकिन ब्रेक नहीं लगे। पुलिस प्रशासन ने पोस्टमाॅर्टम करवाकर 12 शव चार एम्बुलेंस से भावनगर (गुजरात) के लिए रवाना कर दिए हैं।

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