मुजफ्फरनगर। 27 साल पुराने एक अपहरण और हत्या के मामले में गैंगस्टर एक्ट के तहत अभियुक्त मुकेश पुत्र भज्जड़ और विनोद पुत्र महेंद्र को चार-चार साल के कठोर कारावास और दस-दस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है। यह फैसला आज गैंगस्टर कोर्ट के न्यायाधीश काशिफ शेख ने सुनाया।
यह घटना 20 मार्च 1998 की है, जब भोकरहेड़ी गांव निवासी कर्मवीर पुत्र मुवासी के छह वर्षीय बेटे जॉनी का अपहरण कर लिया गया था। काफी तलाश के बाद भी जब बच्चा नहीं मिला, तो 21 मार्च 1998 को कर्मवीर के घर के पास एक चिट्ठी मिली, जिसमें बदमाशों ने बच्चे को छोड़ने के बदले 30,000 रुपये की फिरौती मांगी। साथ ही पुलिस को सूचना देने पर जान से मारने की धमकी दी गई।
डर के कारण, 24 मार्च 1998 को कर्मवीर चिट्ठी में बताए स्थान पर 30,000 रुपये लेकर पहुंचे। वहां विनोद ने उनसे पैसे ले लिए और कहा कि उनका बेटा अगली सुबह घर लौट आएगा। लेकिन जॉनी घर नहीं लौटा। 10 दिन बाद जॉनी के शव की हड्डियां और कपड़े बरामद हुए।
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जांच में पाया गया कि जॉनी का अपहरण और हत्या गांव के ही बदमाश मुकेश पुत्र भज्जड़, विनोद पुत्र महेंद्र और सुभाष पुत्र मलखान ने मिलकर की थी। इस घटना के बाद पुलिस ने मुकेश और विनोद के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज किया। मुकेश इस गिरोह का सरगना था और अवैध हथियारों से लैस होकर हत्या और अपहरण जैसे अपराधों को अंजाम देता था।
अदालत का फैसला
18 जनवरी 2025 को विशेष गैंगस्टर कोर्ट के न्यायाधीश काशिफ शेख ने इस मामले में फैसला सुनाया। अभियुक्तों को चार-चार साल के कठोर कारावास और दस-दस हजार रुपये जुर्माने की सजा दी गई।
मुकदमे में विशेष लोक अभियोजक दिनेश सिंह पुंडीर और राजेश शर्मा ने प्रभावी पैरवी की, जबकि थाना भोपा के पैरोकार नवाब सिंह ने मामले को मजबूती से प्रस्तुत किया।
यह फैसला न केवल न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि समाज को यह संदेश भी देता है कि अपराध कितने भी पुराने क्यों न हों, कानून से बचा नहीं जा सकता।