Thursday, July 25, 2024

बहुचर्चित रामपुर तिराहा कांड में पीएसी के दो सिपाहियों पर दोष सिद्ध, 18 मार्च को आएगा फैसला

मुजफ्फरनगर। बहुचर्चित रामपुर तिराहा कांड में तीन दशक बाद फैसले की घड़ी नजदीक है। अदालत में पीएसी के दो सिपाहियों पर दोष सिद्ध हो गया। सजा के प्रश्न पर अब आगामी 18 मार्च को सुनवाई होगी।

 

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

 

देशभर को हिलाकर रख देने वाले रामपुर तिराहा कांड में पीएसी के दो सिपाहियों पर दोष सिद्ध हो गया है। अपर जिला एवं सत्र न्यायालय संख्या-7 के पीठासीन अधिकारी शक्ति सिंह सजा के प्रश्न पर 18 मार्च को सुनवाई करेंगे। शासकीय अधिवक्ता फौजदारी राजीव शर्मा, सहायक शासकीय अधिवक्ता फौजदारी परवेंद्र सिंह और उत्तराखंड संघर्ष समिति के अधिवक्ता अनुराग वर्मा ने बताया कि मिलाप सिंह की पत्रावली में प्रकरण में फैसले के प्रश्न पर सुनवाई हुई।

 

 

 

अदालत ने दुष्कर्म के मामले में अभियुक्त पीएसी के सिपाही मिलाप सिंह और वीरेंद्र प्रताप पर दोष सिद्ध किया। 25 जनवरी 1995 को सीबीआई ने पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमें दर्ज किए थे। अभियोजन के अनुसार एक अक्तूबर, 1994 को अलग राज्य की मांग के लिए देहरादून से बसों में सवार होकर आंदोलनकारी दिल्ली के लिए निकले थे। देर रात रामपुर तिराहा पर पुलिस ने आंदोलनकारियों को रोकने का प्रयास किया।

 

 

आंदोलनकारी नहीं माने तो पुलिसकर्मियों ने फायरिंग कर दी, जिसमें सात आंदोलनकारियों की मौत हो गई थी। सीबीआई ने मामले की जांच की और पुलिसकर्मियों और अधिकारियों पर मुकदमे दर्ज कराए थे।

 

पीएसी गाजियाबाद में सिपाही मिलाप सिंह मूल रूप एटा के निधौली कलां थाना क्षेत्र के होर्ची गांव का रहने वाला है। दूसरा आरोपी सिपाही वीरेंद्र प्रताप मूल रूप सिद्धार्थनगर के गांव गौरी का रहने वाला है।

Related Articles

STAY CONNECTED

74,098FansLike
5,348FollowersFollow
70,109SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय