Tuesday, May 7, 2024

पहले ही प्रयास में यूपीएससी पास करने वाले मुजफ्फरनगर-बिजनौर के दो युवा अधिकारी पहुंचे जनपद, डीएम-एडीएम से की मुलाकात

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मुजफ्फरनगर। साल 2021 की यूपीएससी परीक्षा में अपने-अपने पहले प्रयास में ही उच्च रैंक हासिल कर एसडीएम बनकर परिवार और जिले का नाम रोशन करने वाले दो युवा अफसरों ने गुरुवार को अपनी आमद जिला मुख्यालय पर दर्ज कराई है। इसमें संयोग की बात यह है कि इसी जिले के निवासी युवा अंशुल हिंदल एसडीएम के रूप में अपनी ट्रेनिंग यहीं पूरी करेंगे, जबकि पड़ोसी जनपद बिजनौर के मूल निवासी सिपाही की बेटी चित्रा निर्वाल भी एसडीएम के रूप में जिले में भेजी गयी हैं। गुरुवार को इन दोनों युवा अधिकारियों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर डीएम और अन्य अधिकारियों से मुलाकात की।

बता दें कि 19 अक्टूबर 2021 को यूपीएससी द्वारा सिविल सर्विस का परीक्षा परिणाम घोषित किया गया था। इसमें जनपद के खतौली क्षेत्र के गांव नंगलारूद्र निवासी अंशुल हिंदल ने अपने पहले ही प्रयास में 49वीं रैंक हासिल कर जिले को गौरवान्वित किया था। हालांकि अंशुल नोएडा में रहते हैं, लेकिन उनका पूरा परिवार गांव में ही रह रहा है।

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पीसीएस 2022 बैच में चयन होने के बाद अंशुल जनवरी 2023 में अपने गांव नंगलारूद्र पहुंचे थे, तो परिवार के साथ ही गांव वालों ने भी इस युवा अधिकारी का दिल खोलकर अभिनंदन किया था। अपनी मेहनत के बल पर पहली ही परीक्षा में बैच में चयनित 52 एसडीएम में 49वां स्थान पाने वाले अंशुल हिंदल पर ग्रामीणों ने फूलों की बारिश की थी। अंशुल के पिता हरपाल सिंह तो उस दिन खुशी से झूम रहे थे।

अंशुल ने बताया कि उनकी प्रारम्भिक शिक्षा केके पब्लिक स्कूल जैन नगर खतौली में हुई थी। यहां से कक्षा पांच उत्तीर्ण करने के बाद वो नोएडा चले गये और वहां से 12वीं पास की। उसके बाद उन्होंने आईआईटी कानपुर से सिविल इंजीनियरिंग में डाटा साइंटिस्ट में डिग्री हासिल की। अंशुल चाहते तो देश की किसी भी बड़ी कम्पनी या विदेश में जाकर एक अच्छी नौकरी कर सकते थे, लेकिन उनका कहना है कि देश सेवा करने का मन बनाते हुए यूपीपीसीएस 2021 की परीक्षा दी और आज वो एसडीएम हैं।

उनका कहना है कि उन्होंने परीक्षा की तैयारी घर पर रहकर की, कोई कोचिंग नही ली। उन्होंने बताया कि परिणाम घोषित होने के बाद वह नोएडा में ही थे। इसके बाद एसडीएम रैंक मिलने के बाद गणतंत्र दिवस के अवसर पर वह अपने गांव आए थे, जहां गांव वालों ने यादगार स्वागत किया, जो आज भी उनको याद है। उन्होंने कहा कि बाबा भीमराव की प्रेरणा से ही उन्हें कामयाबी मिली है। वह अपनी कामयाबी का श्रेय अपने पिता हरपाल, माता मुनेश व बड़े भाई सौरभ को देते है। उनका कहना है कि शिक्षा के सहारे ही हम सीमित संसाधन और अभाव में भी अपने के लिए नया रास्ता तैयार कर सकते हैं। उन्होंने युवाओं को शिक्षा के रास्ते पर चलने की सीख दी।

दूसरी ओर, यूपीपीएससी की पीसीएस 2021 की परीक्षा में नहटौर क्षेत्र के गांव मुदफरा की छात्रा चित्रा निर्वाल ने 31 वीं रैक प्राप्त कर एसडीएम रैंक हासिल की है। चित्रा निर्वाल का यह पहला ही प्रयास था। चित्रा ने बताया कि नहटौर के आक्सफोर्ड पब्लिक स्कूल में हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षा प्रथम स्थान से उत्तीर्ण की है। उन्होंने वर्ष 2012 में आक्सफोर्ड स्कूल से इंटर की परीक्षा पास आउट की है। लखनऊ से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक की परीक्षा पास करने के बाद उन्होंने मेरठ में रहकर यूपीपीएससी परीक्षा की तैयारी की। बीटेक के दौरान ही सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी थी।

चित्रा निर्वाल के पिता बरन सिंह यूपी पुलिस में दीवान है और गाजियाबाद जिले की पूर्व महापौर आशा शर्मा की सुरक्षा में तैनात भी रहे हैं। उन्होंने शेड्यूल बनाकर नियमित पढ़ाई की और बिना किसी कोचिंग के यह सफलता हासिल की है। चित्रा बताती हैं कि उन्होंने अपनी तैयारी इंटरनेट पर उपलब्ध सामग्री, वीडियो और एनसीईआरटी की किताबों का अध्ययन करके की। इसके अलावा वह अखबार और करंट अफेयर्स मैगजीन भी नियमित रूप से पढ़ती थीं। खास बात यह भी रही कि तैयारी के दौरान वह सोशल मीडिया से दूर रहीं।

चित्रा का कहना है कि किसी भी फील्ड में सफलता के लिए पक्का इरादा और परिवार का सहयोग काफी मायने रखता है, चित्रा निर्वाल ने अपनी इस सफलता का श्रेय माता-पिता और नाना-नानी को दिया है। चित्रा का ननिहाल बिजनौर के झलरा गांव का है। चित्रा अपनी छुट्टियां अपनी ननिहाल मे ही बिताती हैं। चित्रा जानवरों और बच्चों से बहुत प्यार करती हैं और उनके लिये कुछ करना चाहती हैं।

गुरूवार को ये दोनों युवा अधिकारी कलेक्ट्रेट पहुंचे और डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी से मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने एडीएम प्रशासन नरेन्द्र बहादुर सिंह के कार्यालय पहुंचकर वहां पर उनके साथ मुलाकात की, यहीं पर एडीएम वित्त एवं राजस्व गजेन्द्र कुमार भी मौजूद रहे। दोनों एडीएम ने इन युवा अधिकारियों का कार्यालय में स्वागत किया और परिचय प्राप्त किया।

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