मेरठ में नाबालिग से दुष्कर्म मामले में आरोपी को 10 साल की सजा, साथी बरी
                 
              
                मेरठ। नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में आरोपी को दोषी ठहराते हुए विशेष न्यायाधीश (अनन्य न्यायालय), पोक्सो अधिनियम की अदालत ने दस साल के कठोर कारावास और 5 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है। वहीं, उसके साथी को अदालत ने संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त कर दिया है। यह फैसला विशेष न्यायाधीश मोहम्मद बाबर खान की अदालत ने सुनाया। मामला थाना इंचौली क्षेत्र का है।
विशेष लोक अभियोजक नरेंद्र चौहान के अनुसार, वादी नरेन्द्र पुत्र रघुवीर सिंह निवासी थाना भावनपुर ने 24 मई 2023 को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसकी 13 वर्षीय बेटी को गांव के ही विशाल पुत्र कृष्णपाल और उसके एक साथी ने मोटरसाइकिल पर बैठाकर मेथना से उल्देपुर जाने वाले रास्ते पर स्थित एक बंद भट्ठे पर ले गए थे। आरोप है कि वहीं पर विशाल ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म किया जबकि दूसरा लड़का बाहर सड़क पर निगरानी कर रहा था।
घटना के बाद पीड़िता मानसिक रूप से परेशान रहने लगी। घरवालों के पूछने पर उसने पूरी घटना अपने पिता नरेन्द्र और मां सरिता को बताई। जिसके बाद थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई। इंचौली पुलिस ने आरोपी विशाल और एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 376(3), 120-बी और लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम (पोक्सो एक्ट) की धारा 3/4 के तहत मुकदमा दर्ज किया।विवेचना के दौरान शिवा नामक आरोपी का भी नाम सामने आया, जिसके बाद उसे भी मुकदमे में शामिल किया गया।
अदालत में मुकदमे की सुनवाई के दौरान विशेष लोक अभियोजक नरेंद्र चौहान और कुलदीप मोहन ने वादी पक्ष की ओर से पैरवी की। साक्ष्य और गवाहों के बयान के आधार पर अदालत ने पाया कि मुख्य आरोपी विशाल ने अपराध किया है, जबकि शिवा के विरुद्ध पर्याप्त प्रमाण नहीं मिले। अदालत ने अभियुक्त विशाल को भारतीय दंड संहिता की धारा 376 में दोषी पाते हुए 10 वर्ष का कठोर कारावास और 5 हजार के अर्थदंड की सजा सुनाई। जबकि मुख्य आरोपी के साथी सह अभियुक्त शिवा को सभी आरोपों से बरी कर दिया।इस फैसले के बाद अदालत परिसर में पीड़िता के परिजनों ने संतोष जताया, वहीं पुलिस अधिकारियों ने कहा कि न्यायिक प्रक्रिया के तहत पीड़िता को न्याय मिला है।
