मुजफ्फरनगर में इमाम पति ने साथी के साथ मिलकर की पत्नी की हत्या, नईमा यासमीन का शव सिवाल खास में मिला
मेरठ। थाना जानी पुलिस द्वारा सिवाल खास जंगल में मिली अज्ञात महिला की हत्या का खुलासा किया है। पुलिस ने हत्या में शामिल इमाम पति एवं उसके साथी को गिरफ्तार किया है। थाना जानी पुलिस ने हत्या की गुत्थी सुलझाते हुए मु0अ0सं0 483/2025 धारा 103(1)/238 बीएनएस से संबंधित दोनों अभियुक्तगणों को गिरफ्तार कर लिया गया। जिनके नाम शहजाद पुत्र फारूख निवासी मौ0 कुरैशियान कस्बा व थाना फलावदा हाल पता लक्कीपुरा थाना लिसाड़ीगेट और नदीम पुत्र निसार निवासी मौहल्ला ऊँचा कस्बा व थाना फलावदा हाल पता अहमदनगर, थाना लिसाड़ीगेट हैं। पुलिस ने अभियुक्तों के कब्जे से घटना में प्रयुक्त एक छूरी एवं रस्सी बरामद की है।
ये है घटना का विवरण
17 अक्टूबर को थाना जानी क्षेत्र के सिवाल खास जंगल में गंगनहर पटरी पर खेत में एक अज्ञात महिला का शव मिला था, जो काला बुरखा पहने हुई थी और जिसका गला चाकू से काटा गया था। पुलिस पोस्टमार्टम की कार्रवाई पूर्ण कराते हुए अज्ञात में मुकदमा पंजीकृत किया गया।
मृतका की शिनाख्त के लिए दो टीमों का गठन किया गया। पुलिस टीम द्वारा आसपास के जनपदों व मेरठ के सभी थानों में शिनाख्त करवाई गई। छानबीन के दौरान पता चला कि जनपद मुजफ्फरनगर के थाना चरथावल में नईमा यासमीन नामक महिला की गुमशुदगी दर्ज है। जो दिनांक 16 अक्टूबर 2025 से लापता थी। जांच के दौरान पाया गया कि गंगनहर पटरी से मिला शव नईमा यासमीन सैकिया, पत्नी शहजाद पुत्र फारूख निवासी ग्राम सैद नगला थाना चरथावल, जनपद मुजफ्फरनगर का है।
जांच के दौरान यह तथ्य सामने आया कि मृतका नईमा यासमीन की हत्या उसके पति शहजाद ने अपने साथी नदीम अंसारी के साथ मिलकर की थी। अभियुक्त शहजाद ने मृतका की हत्या के बाद भ्रम फैलाने के लिए उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट थाना चरथावल पर दर्ज करा दी थी। थाना जानी पुलिस ने अभियुक्त शहजाद व नदीम को गिरफ्तार कर घटना में प्रयुक्त छूरी व रस्सी बरामद कर ली।
पूछताछ में हत्या का खुलासा
पूछताछ में शहजाद ने बताया कि वह लगभग 18 वर्षों से मस्जिदों में इमाम का कार्य करता है तथा पांचवीं कक्षा तक शिक्षित है। जो वर्तमान में ग्राम सैद नगला, थाना चरथावल मस्जिद में इमाम का कार्य करता है। मृतका नईमा यासमीन डिब्रूगढ़ असम की रहने वाली एक शिक्षित महिला थी, जो पूर्व में भी कई मल्टी नेशनल कम्पनी में काम कर चुकी थी। जिसने पहले पति से तलाक के बाद पुनः निकाह किया था।
अभियुक्त शहजाद ने स्वयं को कपड़ों का व्यापारी बताकर मृतका से ऑनलाइन निकाह किया। जबकि वह पहले से विवाहित था और उसके तीन बच्चे भी थे । नईमा यासमीन को जब यह सच्चाई पता चली कि शहजाद मस्जिद में इमाम है, उसका कोई घर नहीं है और उसका भरण-पोषण गांव के लोग करते हैं, तो दोनों के बीच विवाद बढ़ गया।
नईमा यासमीन द्वारा शहजाद पर धोखाधड़ी का आरोप लगाने और उसकी पहली पत्नी से मिलने पर रोक लगाने के कारण शहजाद ने उसे रास्ते से हटाने का निर्णय लिया। अभियुक्त शहजाद ने अपने साथी नदीम को 12 हजार देकर सहयोग के लिए तैयार किया। इसके बाद दोनों ने नईमा यासमीन को बाज़ार चलने के बहाने बुलाया। फिर उसके जूस में नींद की गोलियाँ मिलाकर पिला दीं। अर्धबेहोशी की हालत में उसे गंगनहर पटरी सिवाल खास के पास खेत में ले जाकर नदीम ने रस्सी से गला कस दिया और शहजाद ने छूरी से उसका गला काटकर हत्या कर दी।
