Sunday, January 5, 2025

उत्तराखंड: शूटिंग कोच सुभाष राणा को मिलेगा द्रोणाचार्य पुरस्कार

Rising Pride of Uttarakhand: Shooting Coach Subhash Rana to Receive Dronacharya Award. उत्तराखंड के लिए यह बहुत गर्व की बात है कि अंतरराष्ट्रीय निशानेबाज जसपाल राणा के बाद अब उनके भाई सुभाष राणा को द्रोणाचार्य पुरस्कार 2025 के लिए चुना गया है। सुभाष राणा ने टोक्यो पैरालंपिक 2020 में भारतीय निशानेबाजी टीम को प्रशिक्षित किया था, जिसने 5 पदक जीते थे।

शूटर मनु भाकर ने देहरादून में की ट्रेनिंग
देहरादून में निशानेबाजी के लिए बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर मौजूद है। ओलंपिक में पदक जीतने वाली शूटर मनु भाकर ने भी यहीं आकर ट्रेनिंग ली थी। उन्होंने पेरिस ओलंपिक से पहले पूर्व खिलाड़ी और कोच जसपाल राणा के साथ देहरादून में ट्रेनिंग ली थी। जसपाल राणा उनके साथ पेरिस ओलंपिक में भी रहे थे।

मुख्यमंत्री धामी ने दी बधाई
जसपाल राणा और उनके भाई देहरादून के पौंधा में एक अकादमी चलाते हैं, जहां देश-विदेश के कई खिलाड़ी ट्रेनिंग लेते हैं। केंद्रीय खेल मंत्रालय द्वारा जारी लिस्ट में सुभाष राणा का नाम आने के बाद परिवार, दोस्तों और रिश्तेदारों में खुशी का माहौल है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी सुभाष राणा को बधाई दी है।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि सुभाष राणा ने उत्तराखंड का मान बढ़ाया है। उत्तराखंड खेल क्षेत्र में दिन-प्रतिदिन आगे बढ़ रहा है। अब राष्ट्रीय खेलों का आयोजन खेल विकास में एक नई इबारत लिखेगा। धामी ने कहा कि उत्तराखंड और देश का नाम बढ़ाने वाले सभी खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों से मेरी अपील है कि वे राष्ट्रीय खेलों में भागीदारी निभाएं।

उत्तराखंड में आधारभूत ढांचे की तैयारी
सुभाष राणा ने कहा कि 38वें राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी उत्तराखंड के लिए एक बड़ी सौगात है। इस आयोजन के दौरान खेलों के लिए इतना बड़ा आधारभूत ढांचा तैयार होगा कि खेल प्रतिभाओं को प्रशिक्षण के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि जब आपके काम को मान्यता मिलती है, तो स्वाभाविक रूप से उत्साह बढ़ता है और खुशी मिलती है।

सुभाष राणा ने बताया कि कई खिलाड़ी उनसे संपर्क कर रहे हैं, जो विभिन्न खेल फेडरेशनों से भी संपर्क में हैं। अब कई खिलाड़ी उत्तराखंड से खेलने के इच्छुक हैं।

सुभाष राणा की उपलब्धियां

द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिए चयनित सुभाष राणा ने खिलाड़ी और कोच के रूप में कई उपलब्धियां हासिल की हैं। उनके खाते में चार अंतरराष्ट्रीय स्वर्ण और दो रजत पदक शामिल हैं। उन्होंने 1994 में इटली और 1998 में स्पेन में हुई विश्व शूटिंग चैंपियनशिप में भाग लिया था। कोच के रूप में, उन्होंने भारतीय पैरा शूटिंग टीम को प्रशिक्षित किया और टीम ने टोक्यो पैरालंपिक 2020 में पांच मेडल जीते थे।

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