शामली। 1979 का मशहूर गीत हमसे क्या भूल हुई तो काफी लोगों ने सुना होगा। लेकिन शामली में इस जीत की लाइन उसे वक्त सटीक बैठती दिखाई दीं। जब शामली की सड़कों पर लावारिस फिर रहे दर्जनों भूख से लाचार गौ -वश कूड़ा कचरा खाते हुए दिखाई दिए। जिन्हें देखकर ऐसा लग रहा था मानो वह कह रहे हो हमसे क्या भूल हुई। क्योंकि शहर मे दर्जनों गौ-सेवा संगठन व अनगिनत सरकारी गौशाला होने के बावजूद भी गोवंश की हालात दयनीय बनी हुई है। जहां सरकार द्वारा गोवंश के रहन-सहन व चारे के लिए हजारों करोड़ों रुपए पानी की तरह बाहर जा रहे हैं। उसके बावजूद भी शामली की सड़कों पर भूख से बेबस गोवंश कूड़ा कचरा आदि खाता नजर आ रहा है। जिसकी वीडियो वायरल सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद सरकार की मनसा पर तो पानी फिरता ही दिखाई दे रहा है। साथ ही यह तस्वीर को गौ-सेवा का दम भरने वाले संगठनों की भी पोल खोल रही है। वही गौ वंश को गौशाला तक पहुंचने का जिम्मा शहर नगर पालिका शामली का है। वह भी अपने इस कार्य को ढंग से अंजाम देने मे विफल साबित हो रही है। जिसके चलते शहर में जगह-जगह आवारा गौ वंश के झुंड देख जाना आम बात हो गई है। साथ ही गौ वंशो से होने वाली दुर्घटनाओं ग्राफ भी बड़ा है।
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आपको बता दें कि शहर कोतवाली क्षेत्र के कैराना रोड स्थित एक मैरिज होम के समीप का है। जहाँ कूड़ा कचरा खाते हुए लावारिस गौ-वंशो की एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है। जिसमें भूख से लाचार कई गोवंश कूड़ा कचरा खाते हुए दिखाई दे रहे हैं। जहाँ वीडियो वायरल होने के बाद आवारा गोवंश की दनीय हालत देखकर हर कोई यह सवाल उठा रहा है कि जब शहर में इतने गौ सेवा संगठन है और सरकार द्वारा बनवाई गई गौशालाएं भी हैं। उसके बावजूद भी जिस तरह से गोवन कूड़ा कचरा खा रहे हैं। यह भी अपने आप में बेहद गंभीर विषय है। साथ ही जिन नगर पालिका अधिकारियों को लावारिस गौ वशो को गौशाला में भिजवाने का जिम्मा दिया गया है।
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वह भी योगी सरकार की मंशा पर पानी फेर रहे हैं। वही संबंधित अधिकारियों के गैर जिम्मेदाराना रवैया के चलते शहर में जगह-जगह आवारा गौ वंशो के झुंड खड़े रहते हैं। जिसके कारण अक्सर सड़क दुर्घटनाएं भी होती रहती हैं। और आम जन मानस को भी अनेकों समस्याओं का सामना करना पड़ता है।