संसार की शक्तिशाली वस्तु है लोहा जो सबको काट डालता है। लोहे से शक्तिशाली है आग जो लोहे को भी पिघला देती है। आग से शक्तिशाली है पानी जो आग को बुझा देता है। पानी से शक्तिशाली है इंसान जो उसे पी जाता है। इंसान से शक्तिशाली है मौत जो उसे खा जाती है। मौत से भी शक्तिशाली है भक्ति जो मौत को भी टाल देती है और भक्ति का मार्ग मिलता है योग के द्वारा जो भारतीय संस्कृति का मुख्य अंग है, योग सम्पूर्ण मानवता का कल्याण करने वाला है।
स्वास्थ्य बल और आत्मबल प्राप्त करने की इस कला को संसार के प्रत्येक व्यक्ति ने अपनाने का प्रयास किया है, आवश्यक केवल यह नहीं कि योग दिवस पर ही योग की महत्ता से परिचित हुआ जाये, बल्कि यह भी है कि योग को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाया जाये।
आज की आपा-धापी भरी जीवनशैल में योग तनाव से जूझने और सहज रहने की शक्ति प्रदान करता है। एक ओर आधुनिक जीवनशैली और खानपान स्वास्थ्य को हानि पहुंचा रहे हैं, तो दूसरी ओर का दबाव और घर से ऑफिस तक अनगिनत उलझनों से जूझता इंसानी मन बीमार हो रहा है। इन समस्याओं का समाधान केवल योग के पास है, क्योंकि योग संतुलित जीवन चर्या का आधार है, जिसके पास शारीरिक व मानसिक ही नहीं आत्मिक समस्याओं का भी समाधान है।