खतौली। सरकार द्वारा आम नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने का लाख ढिंढोरा पीटे जाने के बावजूद झोला छाप चिकित्सकों के जाल में फंसकर मरीज दम तोड़ रहे हैं।
ऐसा ही मामला शुक्रवार देर रात को कस्बे के एक कथित नर्सिंग होम पर हो गया। बताया गया कि नीम हकीम खतरा ऐ जान की तर्ज पर एक कथित महिला चिकित्सक की लापरवाही का खामियाजा एक महिला को अपनी जान से हाथ धोकर भरना पड़ा।
जानकारी के अनुसार मोहल्ला इस्लामनगर निवासी एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी को प्रसव पीड़ा होने पर कस्बे की एक पॉश कॉलोनी स्थित एक चर्चित नर्सिंग होम में भर्ती कराया था। बताया गया कि गर्भवती महिला के पेट में जुड़वा बच्चे होने पर महिला चिकित्सक ने परिजनों को ऑपरेशन से डिलिवरी की सलाह देकर, ऑपरेशन करने की फीस 25 हजार रूपए बताई।आनन फानन गर्भवती के परिजनों ने रुपयों का प्रबंध करके नर्सिंग होम में जमा करा दिए।
बताया गया कि ऑपरेशन से दो बच्ची पैदा होने के पश्चात कुछ देर बाद ही महिला की हालत बिगड़ गई। आरोप है कि महिला के परिजनों के हंगामा करने पर तीन घंटे बाद लेडी डॉक्टर ने महिला को एक इंजेक्शन लगाया। इंजेक्शन लगते ही प्रसूता की हालत पहले से भी ज्यादा बिगड़ गई। इंजेक्शन लगते ही ब्लड प्रेशर बहुत कम होने के चलते प्रसूता ने दम तोड दिया। प्रसूता की मौत से इसके परिजनों में कोहराम मच गया।
परिजनों ने लेडी डॉक्टर पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाकर हंगामा शुरू कर दिया। नर्सिंग होम पर हंगामा होने की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर आ गई। पुलिस के समझाने का हंगामा कर रहे परिजनों पर कोई असर नहीं हुआ। देर रात को पुलिस की मौजूदगी में कथित लेडी डॉक्टर और मृतका के परिजनों के बीच फैसला होने के बाद प्रकरण का पटाक्षेप हो गया। उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार द्वारा आम नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराए जाने का ढिंढोरा पीटे जाने के बावजूद झोला छाप चिकित्सक मरीजों के लिए यमराज साबित हो रहे हैं।