नई दिल्ली। बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के बॉक्सिंग डे टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 184 रन से हराकर सीरीज में 2-1 की बढ़त बना ली। हालांकि, मैच के दौरान यशस्वी जायसवाल के आउट होने को लेकर विवाद ने क्रिकेट जगत का ध्यान खींचा।
यशस्वी जायसवाल, जो भारत की आखिरी उम्मीद थे, पैट कमिंस की शॉर्ट बॉल को हुक करने के प्रयास में विकेट के पीछे एलेक्स कैरी को कैच दे बैठे। आउट नहीं दिया। पैट कमिंस ने रिव्यू लिया। ऑडियो पर कोई स्पाइक नहीं दिखा। जूम करके देखा गया तो ऐसा प्रतीत हुआ कि गेंद बल्ले से लगकर गई थी। मैदानी अंपायर के फैसले को पलटते हुए जायसवाल को आउट करार दिया गया। दिग्गज अंपायर साइमन टॉफेल ने थर्ड अंपायर के निर्णय को सही ठहराया। उन्होंने कहा, “टेक्नोलॉजी के अनुसार, यदि डिफ्लेक्शन दिखता है तो वह निर्णायक सबूत है। थर्ड अंपायर ने डिफ्लेक्शन को सही मानते हुए आउट दिया।”
हालांकि, इस दौरान ऑडियो प्रूफ नहीं मिलने पर सवाल उठे, लेकिन टॉफेल ने इसे प्रोटोकॉल के तहत सही फैसला बताया। यशस्वी जायसवाल के आउट दिए जाने पर पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर नाराज हो गए।
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उन्होंने कहा, “स्निको पर कोई स्पष्ट प्रमाण नहीं था। यह खिलाड़ी के साथ अन्याय है।” जायसवाल खुद भी इस फैसले से असंतुष्ट दिखे और मैदानी अंपायर से बहस करते नजर आए।
यशस्वी जायसवाल ने भारत के लिए शानदार 84 रन बनाए। उन्होंने 208 गेंदों का सामना किया और मुश्किल हालात में टीम को संभाला। उनके आउट होने के बाद भारतीय टीम की उम्मीदें टूट गईं और पूरी पारी 155 रन पर सिमट गई।
ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 474 रन बनाए थे। भारत ने पहली पारी में 369 रन बनाए। दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलिया ने 234 रन जोड़े और भारत को 340 रन का लक्ष्य दिया। भारतीय टीम लक्ष्य का पीछा करने में नाकाम रही।
यशस्वी जायसवाल के आउट का यह विवाद तकनीक और अंपायरिंग के फैसलों पर बहस को फिर से ताजा कर गया है। हालांकि, साइमन टॉफेल जैसे अनुभवी अंपायर ने इसे सही ठहराया, लेकिन कई पूर्व खिलाड़ी इस फैसले को सवालों के घेरे में मान रहे हैं। भारत को अब सीरीज में बराबरी के लिए अगले टेस्ट में जीत हासिल करनी होगी।