Friday, November 22, 2024

अपने दायित्वों को समझना आज सबसे बड़ी आवश्यकता: योगी

बस्ती। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अपने दायित्वों को समझना आज सबसे बड़ी आवश्यकता है। मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बस्ती के एडी अकादमी धर्मपुर, दुबौलिया बाजार में आयोजित स्व. डॉ. वाईडी सिंह की स्मृति ग्रन्थ लोकार्पण एवं प्रतिमा अनावरण पर बोल रहे थे।

इस दौरान उन्होंने कहा कि डॉक्टर वाईडी सिंह का नाम बस्ती, गोरखपुर और पूर्वांचल के हर शख्स की जुबान पर लंबे समय तक बना रहेगा। इस धरती का सौभाग्य है कि उनका जन्म इस धरा पर हुआ था। बस्ती उनकी जन्मभूमि है जबकि गोरखपुर उनकी कर्म स्थली रही। उन्होंने अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए गोरखपुर मेडिकल कॉलेज को जो ऊंचाइयां दी वह हम सबके सामने है।

उस समय उन्होंने एक संवदेनशील चिकित्सक के रूप में पूर्वी उत्तर प्रदेश के लाखों बच्चों के जीवन को बचाने के लिए अपने स्तर पर जो प्रयास किए वह सराहनीय हैं, क्योंकि उस समय मेडिकल कॉलेज के लिए पैसा नहीं होता था। उन्होंने अपने पैसे से बीआरडी मेडिकल कॉलेज के बाल विभाग को काफी बेहतरीन बनाया था। जब वह बीआरडी मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग के अध्यक्ष थे तो उसे ही मेडिकल कॉलेज का सबसे अच्छा विभाग माना जाता था।

सीएम योगी ने कहा कि डॉ. वाईडी सिंह ने बाल रोग विभाग के अध्यक्ष और फिर प्राचार्य के रूप मे पूर्वी उत्तर प्रदेश के लाखों बच्चों के जीवन में एक परिवर्तन करके उन्हे जीने की एक राह दिखाई। उन्हे दिखाने के लिए पूर्वी उत्तर प्रदेश में प्रतिदिन हजारों लोग आते थे। उनको दिखाने के लिए मेरे पास सिफारिश आती थी। पूर्वी उत्तर प्रदेश में उनका जैसा कोई समाजसेवी भी नहीं था। बीआरडी मेडिकल कॉलेज बंद होने पर वह अपने घर पर बच्चों को देखते थे।

इसके अलावा अपनी मातृ भूमि बस्ती में हर शनिवार और रविवार को फ्री में बच्चों को देखते थे। अक्सर लोग बड़ी जिम्मेदारी मिलने पर अपना कर्तव्य भूल जाते हैं। अपने दायित्वों को समझना आज के समय में सबसे बड़ी आवश्यकता है। आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंच प्रण की बात की थी, जिनकी बहुत सी बातें डॉ. वाईडी के व्यक्तित्व में झलकती थीं।

इस दौरान प्रधानमंत्री ने विकसित भारत के निर्माण की बात कही थी। अगर देश का हर नागरिक ईमानदारी के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करे तो भारत को दुनिया की सबसे बड़ी ताकत बनने में देर नहीं लगेगी। इसके लिए हर नागरिक को अपने कार्य और जिम्मेदारी का संकल्प लेना होगा क्योंकि संकल्प में एक शक्ति होती है इसलिए पूजा के समय पुरोहित हमसे संकल्प लेते हैं।

उन्होंने कहा कि यह सभी विशेषताएं डॉ. वाईडी सिंह के व्यक्तित्व में झलकती थीं। उन्होंने गोरखुपर बीआरडी मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग को नई ऊंचाई पर पहुंचाने में योगदान दिया। प्राचार्य के रूप में उसे कॉलेज के विकास में भरपूर योगदान दिया। एक संवेदनशील चिकित्सक के रूप में पूर्वी उत्तर प्रदेश के नौनिहालों के जीवन को बचाने के लिए उस समय जब इंसेफेलाइटिस जैसी बीमारियां थीं, उस समय उन्होंने पूरी ताकत के साथ यहां के बच्चों को बचाने के लिए योगदान दिया।

सीएम ने कहा कि जब वह वहां से सेवानिवृत हुए तो स्नातक प्रतिनिधि के रूप में उत्तर प्रदेश विधान परिषद के माध्यम से भी प्रदेश के विकास के लिए उन्होंने आवाज उठाई। लगातार समाजसेवी के रूप में कार्य करते रहे। उनके समय में पूर्वी उत्तर प्रदेश में सरकारी और निजी अस्पताल में उनके जैसी प्रैक्टिस करने वाला कोई चिकित्सक नहीं था, लेकिन उन्हे इसका अंहकार नहीं था। वह पूरी सहजता, शालीनता के साथ सभी कार्यक्रम में अपना योगदान देते थे।

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