नई दिल्ली। फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप की पैरेंट कंपनी मेटा ने घोषणा की है कि वह लगभग 3,600 कर्मचारियों को नौकरी से निकालने की तैयारी कर रही है। यह संख्या मेटा के कुल कार्यबल का लगभग 5% है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह निर्णय मेटा की “Efficiency Year” पहल के तहत लिया गया है, जिसका उद्देश्य कंपनी की कार्यक्षमता और परफॉर्मेंस में सुधार करना है।
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मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने कहा,”हमने परफॉर्मेंस मैनेजर के स्टैंडर्ड को बढ़ाने और कमजोर प्रदर्शन करने वालों को तेजी से बाहर निकालने का फैसला किया है। हमारा लक्ष्य है कि मेटा सबसे मजबूत प्रतिभा को बनाए रखे और नए प्रतिभाशाली कर्मचारियों को कंपनी में शामिल करे।”
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वित्तीय वर्ष 2022-23 में मेटा ने 21,000 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला था। अब कंपनी ने 10% “अफसोसजनक” छंटनी दर को परफॉर्मेंस साइकल के अंत तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है। सितंबर 2024 तक मेटा में लगभग 72,400 कर्मचारी कार्यरत थे।
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छंटनी मुख्य रूप से उन कर्मचारियों को प्रभावित करेगी जिन्हें परफॉर्मेंस समीक्षा में “कम प्रदर्शन” करने वाला माना गया है। प्रभावित कर्मचारियों को 10 फरवरी 2025 तक इस फैसले के बारे में सूचित कर दिया जाएगा। कंपनी के मौजूदा नियमों के अनुसार, इन कर्मचारियों को भत्ते और अन्य सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
मेटा ने इस पहल के तहत कंपनी के संचालन और नीतियों में बड़े बदलाव किए हैं। ऑपरेशनल लागतों को कम करने के लिए कई स्तरों पर सुधार। आव्रजन और ट्रांसजेंडर अधिकार जैसे संवेदनशील विषयों पर मेटा की सामग्री मॉडरेशन नीतियों को आसान बनाना। छंटनी के बाद मेटा की योजना है कि वह नए और बेहतर प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों को जोड़े।
इस फैसले से मेटा में कार्यरत कर्मचारियों के बीच चिंता बढ़ सकती है, लेकिन कंपनी का मानना है कि यह कदम उनकी दीर्घकालिक स्थिरता और विकास के लिए आवश्यक है। मार्क जुकरबर्ग ने स्पष्ट किया है कि कमजोर प्रदर्शन करने वालों पर कार्रवाई और बेहतर प्रतिभा की भर्ती कंपनी को और अधिक प्रतिस्पर्धात्मक बनाएगी।