मेरठ। पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड की प्रबंध निदेशक (एमडी) ईशा दुहन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 1 अधीक्षण अभियंता, 4 अधिशासी अभियंता और 22 जूनियर इंजीनियरों को निलंबित कर दिया है। इसके अलावा, 11 उपखंड अधिकारियों को चार्जशीट जारी की गई है। यह कार्रवाई बिजली विभाग के कर्मचारियों द्वारा राजस्व वसूली और एकमुश्त समाधान योजना में लापरवाही के चलते की गई है।
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निलंबित किए गए अधिकारी और कर्मचारी
सहारनपुर के अधीक्षण अभियंता महेश अहिरवार सहित गढ़, बबराला, शिकारपुर और नकुड़ के अधिशासी अभियंता (XEN) को निलंबित किया गया है। इन पर राजस्व वसूली, OTS योजना और अन्य वाणिज्यिक मानकों में लापरवाही का आरोप है। निलंबन की सूची में कुल 22 जूनियर इंजीनियर भी शामिल हैं।
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कार्रवाई का कारण
बिजली विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने एकमुश्त समाधान योजना 2024-25 के तहत पंजीकरण, राजस्व वसूली, मासिक राजस्व प्रगति, बिलिंग और लॉइन लॉस जैसे महत्वपूर्ण मानकों पर ध्यान नहीं दिया। इसके अलावा, लॉन्ग अनपेड और नैवर पेड जैसे मामलों में भी सुधार की आवश्यकता थी। कई बार चेतावनी के बावजूद अधिकारियों ने अपनी कार्यशैली में बदलाव नहीं किया, जिसके चलते यह सख्त कार्रवाई की गई।
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एमडी ने दिखाई सख्ती
एमडी ईशा दुहन ने कई बार अधिकारियों को चेतावनी दी थी कि वे योजनाओं पर गंभीरता से काम करें। जब उनकी ओर से लगातार लापरवाही सामने आई, तो समीक्षा बैठक के बाद संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई का फैसला लिया गया।
चार्जशीट किए गए अधिकारी
11 उपखंड अधिकारियों को भी इस मामले में चार्जशीट दी गई है। उन्हें योजनाओं के सही क्रियान्वयन और राजस्व वसूली में सुधार के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है।इस कार्रवाई से स्पष्ट संदेश दिया गया है कि लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। विभाग ने इस कदम को अधिकारियों और कर्मचारियों को उनकी जिम्मेदारी याद दिलाने के प्रयास के रूप में देखा है।