नोएडा। नोएडा प्राधिकरण के अधिसूचित हिण्डन यमुना नदी डूब क्षेत्र में अवैध रूप से बने हुए तथा निर्माण हो रहे सभी फार्म हाउस एवं अवैध निर्माण जल्द ही बड़ी कार्रवाई की जाएगी।
नोएडा के डूब क्षेत्र में निर्मित सभी प्रकार के अवैध निर्माणों पर बड़ी कार्रवाई करने के मकसद से बुधवार को नोएडा सीईओ डॉ लोकेश एम की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। बैठक में डीएम मनीष कुमार वर्मा के अलावा जनपद गौतम बुद्ध नगर के सभी विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
बैठक में डूब क्षेत्र में हो रहे अवैध निर्माण के प्रति नाराजगी व्यक्त करते हुए नोएडा सीईओ ने अवैध निर्माणकारियों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई करने के लिए यमुना-हिण्डन नदी डूब क्षेत्र की ड्रोन कैमरा से एरियल सर्वे कराकर वर्तमान समय के निर्माणों की स्थिति को सुरक्षित रखने तथा उसके उपरान्त नये अवैध निर्माण होने पर संबंधित प्राधिकरण के संबंधित वरिष्ठ प्रबंधक / लेखपाल व सिंचाई विभाग के अधिसाशी अभियंता के विरूद्ध कठोर कार्यवाही करने के निर्देश दिए।
बैठक में सीईओ ने कहा कि डूब क्षेत्र में अवैध रूप से कालोनी विकसित करने वाले एवं फार्म हाउस की विक्रय करने वाले प्रमुख व्यक्तियों को चिन्हित कर उन्हें भू-माफिया घोषित करते हुए उनके विरूद्ध कठोर कार्रवाई की जाए।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि डूब क्षेत्र में बडे-बडे होर्डिंग बोर्डस लगाकर आम नागरिक को डूब क्षेत्र में निर्माण निषिद्ध होने की जानकारी प्रसारित की जाए। नदी किनारे बंधे से अवैध रूप से फार्म हाउसों के लिए बने रास्तों को तोडा जाए और तोड़न की कार्यवाही सिंचाई विभाग द्वारा की जायेगी।
बैठक में यह भी निर्देश दिये गये कि उप जिलाधिकारी दादरी / सदर की अध्यक्षता में डूब क्षेत्र में प्रभावी कार्रवाई के लिए टीम गठित की जाए, जिसमें सिंचाई विभाग, राजस्व विभाग तथा प्राधिकरण की सिविल व भूलेख विभाग के कर्मिक सदस्य रहेंगे, जो अवैध निर्माण चिन्हित कर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई प्रस्तावित करेंगे और उनकी समय-समय पर समीक्षा करेंगे।
इसके अतिरिक्त आईजी, स्टाम्प को डूब क्षेत्र में पंजीकृत किये जाने वाले बैनामों का विवरण जिलाधिकारी कार्यालय व प्राधिकरण को उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये ताकि डूब क्षेत्र में अवैध निर्माण व फार्म हाउस के निर्माण पर रोक लगाई जा सके। साथ ही नए बैनामों में यह भी उल्लेख करवाना होगा कि डूब क्षेत्र में किसी भी प्रकार की निर्माण अनुमन्य नहीं है ताकि वहां आम नागरिकों को आवासीय प्रयोजन के लिए कोई भूखण्ड न विक्रय किया जा सके। बैठक में डूब क्षेत्र में अवैध निर्माणों के विरुद्ध अभियान चलाकर कार्रवाई के करने के निर्देश दिये गये।