मुजफ्फरनगर- रातों-रात बुलडोजर चलाकर एक मैडिकल स्टोर को ध्वस्त करने का कारनामा करने वाले भू-माफियाओं को भारतीय किसान यूनियन के आगे घुटने टेकने पड़े हैं। किसान यूनियन के दबाव में पुलिस ने आरएसएस के एक पदाधिकारी समेत 3 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि दुकान भी पुनः बना दी गई है। रॉयल बुलेटिन ने भी इस खबर को सुबह प्रमुखता से प्रकाशित किया था। देखे खबर-
पुरकाजी में थाने के ठीक बाहर अग्रवाल मैडिकल स्टोर के नाम से 40 साल पुरानी एक दुकान थी, दवा व्यापारी दामोदर अग्रवाल का 2008 में निधन हो जाने के बाद से उनकी पत्नी रजनी अग्रवाल, अपने पुत्र वंश अग्रवाल उर्फ़ लवी के साथ इस मैडिकल स्टोर का संचालन कर रही हैं। इसी दुकान से उनका गुजारा चल रहा है। यह दुकान भारतीय जनता पार्टी के जिला कार्यकारिणी सदस्य और पूर्व जिला पंचायत सदस्य डॉक्टर संदीप वर्मा की थी।
यूपी में छात्रों के आंदोलन से झुकी योगी सरकार, PCS, RO/ARO एग्जाम को लेकर हुआ बड़ा फैसला
बताया जाता है कि पुरकाजी के ही विपिन गोयल और संजीव छाबड़ा आदि ने इस दुकान के पीछे की जगह खरीद कर उसमें मार्केट तैयार कर दिया और डॉक्टर संदीप वर्मा से यह दुकान भी खरीद ली थी, इसके बाद से वे पिछले कई महीने से इस दुकान को तोड़ने के लिए लगातार प्रयास कर रहे थे।
घुसपैठियों और रोहिंग्या के संरक्षक हैं कांग्रेस-झामुमो और राजद – योगी आदित्यनाथ
भाकियू नेताओं के मुताबिक कुछ दिन पूर्व मार्किट बनाने वाले लोगो ने वंश अग्रवाल को यह दुकान खाली करने के लिए कहा था, इस पर दोनों पक्षों में विवाद शुरू हो गया था। यह प्रकरण न्यायालय में अभी विचाराधीन है।
मार्किट बनाने वाले लोग इस दुकान को खाली कराने के लिए लगातार अलग अलग जगह प्रयास कर रहे थे। वे त्यागी भूमिहार ब्राह्मण समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष मांगेराम त्यागी के पास भी पहुंचे थे। मांगेराम त्यागी ने खुद बताया कि पुरकाजी में इस दुकान को तुड़वाने के लिए 10 लाख रुपये की ऑफर मेरे पास भी आई थी। मैंने ऑफर को ठुकरा दिया था।
भाकियू नेताओं के मुताबिक कई जगह सम्पर्क करने के बाद इन दुकानदारों ने पुरकाजी में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के एक मंडल के मंडल कार्यवाह कुलदीप निवासी कैल्लनपुर को 7 लाख रुपये में यह दुकान खाली कराने का ठेका दे दिया,
‘महाराष्ट्र चुनाव के बाद नहीं बचेगी CM योगी की कुर्सी’- अखिलेश यादव
जैसे ही इसकी जानकारी दुकान के मालिक वंश अग्रवाल को लगी तो उन्होंने तत्काल पुलिस को सूचित किया और भारतीय किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष नवीन राठी, पूर्व जिला अध्यक्ष योगेश शर्मा, पुरकाजी के चेयरमैन ज़हीर फारूकी आदि से भी संपर्क किया जिसके बाद पुरकाजी थाना प्रभारी जयवीर सिंह तुरंत मौके पर पहुंचे और रात्रि में ही किसान यूनियन की पूरी टीम भी दुकान पर पहुंच गई। भाकियू के साथ वंश अग्रवाल और उनकी मां रजनी अग्रवाल और परिवार भी धरने पर बैठे गए। रजनी अग्रवाल ने इंसाफ़ ना मिलने पर क़स्बे से पलायन करने और परिवार के साथ आत्मदाह की चेतावनी दे दी।
प्रतियोगी छात्रों पर पुलिस कार्रवाई से भड़का मामला, बैरिकेड तोड़ आयोग पहुंचे हजारों छात्र
किसान यूनियन के दुकान पर धरना देने के बाद पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया और बुधवार शाम को उप जिलाधिकारी सदर निकिता शर्मा और सीओ सदर राजकुमार साव धरना स्थल पर पहुंचे, जहां किसान यूनियन के नेताओं से वार्ता की, इसके बाद आरएसएस के मंडल कार्यवाह कुलदीप समेत जेसीबी चलाने वाले दोनों चालकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया।
सांसद हरेंद्र मलिक को भी नहीं बक्शा चोरों ने, कर दिया माल साफ
पुलिस ने संघ नेता कुलदीप पुत्र मूरतपाल निवासी कैल्लनपुर थाना पुरकाजी समेत दोनों जेसीबी चालकों अभिषेक पुत्र चतर सिंह निवासी कल्लरपुर,थाना कोतवाली और सलमान पुत्र मारूफ निवासी बझेडी बागोवाली थाना नयी मंडी के विरुद्ध पुरकाजी थाने में BNSS की धारा 61(2), 331(2),324(5),351(2) के अंतर्गत मुकदमा अपराध संख्या 237/24 पंजीकृत कर तीनो को गिरफ्तार कर लिया और उनकी जेसीबी UP12BT 6778 और UP12 AT 6990 को भी जब्त कर लिया।
नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले स्कूल वैन चालक की मां गिरफ्तार, मां ने की थी मदद
बाद में भारतीय किसान यूनियन ने दुकान की मरम्मत कराकर दुकानदार का दुकान पर कब्ज़ा भी वापस स्थापित करा दिया है। वंश अग्रवाल की मां रजनी अग्रवाल ने बताया कि सत्ता के दबाव में उनके साथ ऐसा अत्याचार किया जा रहा था कि उनकी 40 साल से चल रही रोजी-रोटी को भी छीना जा रहा था, उन्होंने भारतीय किसान यूनियन का आभार जताया है।
एसडीएम सदर निकिता शर्मा ने बताया कि उन्हें कल जब इस प्रकरण की जानकारी मिली थी, तो वे और सीओ सदर मौके पर पहुंचे थे और पूरे घटनाक्रम की जानकारी की थी। दुकान यदि अवैध भी है और पीडब्लूडी की ज़मीन पर भी है, तो भी नियमानुसार क़ानूनी प्रावधानों के अनुसार ही हटाई जानी चाहिए थी, इसलिए दोषियों के खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही के आदेश दिए गए थे।
उन्होंने कहा कि किसी का भी कानून के विपरीत आचरण स्वीकार नहीं किया जा सकता है और आगे भी इस मामले में नियमानुसार वैधानिक कार्यवाही की जाएगी।