Saturday, April 19, 2025

  संभल की प्राचीन बावड़ी में कुएं के हिस्से से निकल रही गैस जहरीली नहीं – जिलाधिकारी

संभल। उत्तर प्रदेश के संभल जिले के चंदौसी इलाके के लक्ष्मणगंज मोहल्ले में मिली प्राचीन बावड़ी में कुएं के हिस्से से निकल रही गैस जहरीली नहीं है।

मानवता हुई शर्मसार : पोस्टमार्टम हाउस में लाश को घसीटते हुए वीडियो वायरल

 

जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने मंगलवार को पत्रकारों को बताया कि सोमवार को उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम ने बावड़ी में पहुंचकर जांच पड़ताल की थी। यह बावड़ी लगभग 150 साल पुरानी है और 400 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैली हुई है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के निर्देशन में बीते लगभग 15 दिन पूर्व से सर्वे एवं खुदाई का कार्य चल रहा था। बीते सप्ताह बावड़ी में गैस निकलने के बाद खुदाई का काम रोक कर मलबा हटाने का कार्य शुरू किया गया था।

मुज़फ्फरनगर में बुलेट सवार छोड़ रहा पटाखे, विरोध किया तो किया गाली गलौच

 

विगत 21 दिसंबर को संपूर्ण समाधान दिवस पर सनातन सेवक संघ के प्रांत प्रचार प्रमुख कौशल किशोर और अन्य पदाधिकारियों ने जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र देकर चंदौसी के लक्ष्मणगंज इलाके में बने प्राचीन मंदिर के जीर्णाेद्धार और मंदिर के पास ही गली में स्थित खाली प्लाट में बावड़ी होने का दावा किया था। जिलाधिकारी के आदेश पर 21 दिसंबर को दोपहर में एडीएम सतीश कुशवाह के साथ तहसील और पालिका की टीम ने मौके पर पहुंच कर खुदाई शुरू कर दी थी। खुदाई के दौरान बावड़ी के रहस्य परत दर परत खुलने लगे थे।

मुज़फ्फरनगर में पूर्व विधायक विक्रम सैनी और उनके बेटे करा रहे थे अवैध कब्ज़ा, हुआ विवाद, पुलिस पर भी लगे आरोप

एक जनवरी को बावड़ी की खाुदाई के 12वें दिन भूमिगत दूसरी मंजिल की खुदाई के दौरान गैस निकलने से खलबली मच गई थी। उस दिन दूसरी मंजिल के दरवाजे दिखाई दिए। आगे की खुदाई पर धुआं निकलने लगा। मजदूरों को ऑक्सीजन की कमी भी महसूस हुई, लिहाजा जहरीली गैस मानकर खुदाई रोक दी गई थी।

यह भी पढ़ें :  ग़ाज़ियाबाद में हनुमान जन्मोत्सव पर विश्व हिंदू परिषद-बजरंग दल की भव्य शोभायात्रा, बुलडोजर पर योगी की तस्वीर बनी आकर्षण का केंद्र

जिलाधिकारी ने बताया कि सोमवार को बावड़ी में पहुंचकर जांच पड़ताल करने बाद उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम के अनुसार प्रथम दृष्टया कुएं से निकल रही गैस जहरीली नहीं है। टीम ने मशीन लगा कर हवा की गुणवत्ता की भी जांच की थी। वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि बिलारी के राजा के शासनकाल से पूर्व इस बावड़ी का निर्माण कराया गया था।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

76,719FansLike
5,532FollowersFollow
150,089SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय