Friday, November 22, 2024

हिमाचल में बारिश के कहर से 26 की मौत, कई लापता

शिमला। हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण सोमवार को राज्य भर में अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन के कारण कम से कम 26 लोगों की मौत हो गई और कई लोगों के लापता होने की आशंका है। यह बात अधिकारियों ने कही।

राज्य की राजधानी में भूस्खलन की दो घटनाओं में 13 लोगों की मौत हो गई, इनमें से नौ लोगों की मौत एक शिव मंदिर के ढह जाने से हुई।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने शिमला में भूस्खलन प्रभावित समर हिल क्षेत्र में जाकर हालात का जायजा लिया।

उन्होंने अधिकारियों को बचाव कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने मीडिया को बताया कि पवित्र श्रावण माह के कारण आपदा के समय भगवान शिव के मंदिर में भीड़ थी।

उन्होंने कहा कि भारी भूस्खलन के कारण कई लोगों के मलबे में फंसे होने की आशंका है। लोगों की तलाश के लिए मलबा हटाने का काम जारी है।

सुक्खू ने कहा कि पूरा राज्य गंभीर स्थिति से जूझ रहा है, क्योंकि कई हिस्सों में बादल फटने और भूस्खलन से जान-माल का भारी नुकसान हुआ है।

मुख्यमंत्री ने कहा, “मैं मारे गए लोगों की आत्‍मा की शांति के लिए ईश्‍वर से प्रार्थना करता हूं और प्रभावित परिवारों को भरोसा दिलाना चाहता हूं कि सरकार आपदा की इस घड़ी में उनके साथ खड़ी है। सरकार सभी प्रभावित परिवारों की हर संभव मदद करेगी।”

उन्होंने कहा कि राज्य 7 से 11 जुलाई तक लगातार बारिश के कारण हुई तबाही से जूझ रहा है।

हाल ही में हुई बारिश एक बार फिर बड़ी चुनौतियां लेकर आई हैं, क्योंकि जान-माल का भारी नुकसान दर्ज किया जा रहा है।

उन्होंने आशंका जताई कि मरने वालों की संख्या और बढ़ सकती है, क्योंकि राज्य के विभिन्न हिस्सों में अभी भी कई लोग मलबे में फंसे हुए हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार स्थिति पर लगातार नजर रख रही है और फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकालने की पूरी कोशिश कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वह सभी जिलों के उपायुक्तों के संपर्क में हैं और स्थिति तथा चल रहे राहत एवं बचाव कार्यों के बारे में लगातार अपडेट ले रहे हैं।

उन्होंने कहा कि सभी जिला प्रशासकों और संबंधित अधिकारियों और संस्थानों को सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है, क्योंकि राज्य में नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है।

उन्होंने लोगों को नदी-नालों से दूर रहने की सलाह दी।

समर हिल में राहत व बचाव कार्य का जायजा लेने के बाद सुक्खू फागली पहुंचे, जहां भूस्खलन के कारण पांच लोगों की जान चली गई थी। हालांकि, अन्‍य पांच लोगों को बचा लिया गया।

एक अन्य प्राकृतिक आपदा में सोलन जिले के कंडाघाट क्षेत्र में बादल फटने से अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन के बाद सात लोग जिंदा दफन हो गए।

यह आपदा राज्य की राजधानी से करीब 45 किलोमीटर दूर धवला उप-तहसील के जादोन गांव में देर रात करीब 1.30 बजे आई।

अधिकारियों ने आईएएनएस को बताया कि चार शव बरामद कर लिए गए हैं और पांच को बचा लिया गया है। लापता लोगों का पता लगाने के लिए रुक-रुक कर हो रही बारिश के बावजूद बचाव अभियान जारी है।

बारिश के कहर ने बुनियादी ढांचे को काफी नुकसान पहुंचाया है और पहाड़ी राज्य में कई लोगों के जीवन को प्रभावित किया है। मंडी जिले में बारिश के कारण छह लोगों की मौत हो गई।

मंडी के डिप्टी कमिश्‍नर अरिंदम चौधरी ने कहा कि मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है।

मझवार गांव में दो घर और एक गौशाला क्षतिग्रस्त हो गए, जहां दो लोग लापता बताए जा रहे हैं।

चंडीगढ़-मनाली राजमार्ग शुक्रवार से मंडी और कुल्लू के बीच यातायात के लिए बंद है, जबकि सोमवार को भूस्खलन के कारण मंडी और कुल्लू के बीच वैकल्पिक मार्ग भी अवरुद्ध हो गए।

मनाली और कुल्लू के बीच ब्यास नदी का प्रवाह काफी बढ़ गया है। कुल्लू, मंडी, हमीरपुर, कांगड़ा और नूरपुर कस्बों में नदी से सटे क्षेत्र भी जलमग्‍न हैं।

 

 

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