Wednesday, November 6, 2024

चंद्रशेखर आज़ाद के 4 हमलावर गिरफ्तार, अम्बाला में अदालत में आत्मसमर्पण करने जा रहे थे, 3 रणखंडी, एक हरियाणा निवासी

सहारनपुर। सहारनपुर पुलिस को आज उस वक्त बहुत बड़ी सफलता हाथ लगी है जब तेज-तर्रार पुलिस निरीक्षकों की एक टीम ने पड़ोसी राज्य हरियाणा की अंबाला कोर्ट में समर्पण करने की कोशिश करने वाले चार युवकों को गिरफ्तार कर लिया। बताया जा रहा है कि पुलिस पार्टी इन चारों युवकों को शनिवार दोपहर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सहारनपुर स्थित पुलिस लाइन लेकर आई। जहां कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच पुलिस के आला अफसर इन युवकों से पूछताछ कर रहे हैं। जहां इन युवकों से पूछताछ की जा रही है वहां किसी को भी जाने की अनुमति नहीं है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार जिन युवकों की गिरफ्तारी हुई है। उनमें से तीन लविश,  आकाश, पोपट देवबंद कोतवाली के गांव रणखंड़ी के निवासी हैं। चौथा युवक हरियाणा के करनाल जिले के गांव गोन्दर का रहने वाला है। 

37 वर्षीय लोकप्रिय नेता चंद्रशेखर आजाद पर देवबंद में बुधवार शाम करीब पांच बजे स्विफ्ट  कार सवार हथियारबंद युवकों ने फोरच्यूनर कार में सवार चंद्रशेखर पर चार राउंड फायर कर जानलेवा हमला किया था। जिसमें चंद्रशेखर बाल-बाल बच गए थे। कार उनका छोटा भाई मनीष चला रहा था। इस घटना से देशभर में सनसनी फैल गई थी और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हमले को गंभीरता से लेते हुए सहारनपुर पुलिस को जल्द से जल्द घटना का खुलासा करने और हमलावरों की गिरफ्तारी करने के निर्देश दिए थे।

राज्य सरकार की ओर से एसटीएफ के एडीजी और कभी सहारनपुर के एसएसपी रह चुके अमिताभ यश को भी इस मामले के खुलासे की जिम्मेदारी दी गई थी। देवबंद पुलिस ने हमलावरों द्वारा इस्तेमाल सफेद रंग की स्विफ्ट कार घटना के तीन घंटे के भीतर ही देवबंद के पास के गांव मिरगपुर से बरामद कर ली थी। पुलिस को वहीं से अहम सुराग हाथ लगे थे।

जिस युवक के घर पर हमलावरों ने हरियाणा के नंबर प्लेट लगी कार खड़ी की थी वे उसके जानकारों में से थे। शुरू से ही पुलिस को इस मामले में जो सुराग मिले थे वो देवबंद के 25 हजार वाली आबादी के गांव रणखंड़ी के रहने वाले युवकों से संबंधित थे। बताया जा रहा है कि पुलिस ने इस गांव के एक युवक को गाजियाबाद-नोएडा से गिरफ्तार किया था जिसकी आईडी हमले में इस्तेमाल की गई कार से बरामद हुई थी। जांच में यह भी पाया गया था कि हमले में  इस्तेमाल स्विफ्ट  कार अंबाला की थी। जिसके मालिक द्वारा उस कार के चोरी किए जाने की रिपोर्ट दर्ज कराने की जानकारी मिली थी।

बताया जा रहा है कि लविश पर आरोप था कि उसने उत्तराखंड की एक जेल के जेलर पर हमला किया था और वह एक पखवाड़ा पहले ही जमानत पर छूटा है।

सहारनपुर के आला पुलिस अधिकारी हरियाणा से पकड़कर लाए गए इन चारों युवकों से बहुत गोपनीयता के साथ पूछताछ कर रहे है। उम्मीद की जा रही है कि पुलिस अपनी जांच का काम पूरा करते ही मीडिया के समक्ष घटना का खुलासा कर सकती है। बताया जा रहा है कि अभी पुलिस लाइन में एडीजी मेरठ जोन राजीव सब्बरवाल, डीआईजी सहारनपुर रेंज अजय साहनी एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सहारनपुर डा. विपिन टाडा द्वारा इन युवकों से पूछताछ की जा रही है वहां पत्रकारों समेत किसी के भी जाने की मनाही है।

इस सूचना के मिलते ही जिले के सभी प्रमुख पत्रकार सहारनपुर पुलिस लाइन के बाहर खड़े हुए हैं। बहरहाल पिछले तीन दिनों की पुलिस की कड़ी मेहनत आज सफल होती दिख रही है। इन चार युवकों के अलावा भी पुलिस ने कुछ संदिग्ध युवकों को हिरासत में लिया था। सबको आमने-सामने बैठाकर पुलिस हमले की पूरी साजिश जानने का प्रयास कर रही है।

 

 

आपको बता दे कि सहारनपुर के देवबंद इलाके में 28 जून शुक्रवार को ही भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद पर जानलेवा हमला हुआ था। वह दिल्ली से अपने घर सहारनपुर के छुटमलपुर कस्बे जा रहे थे।हरियाणा नंबर की कार से आए हमलावरों ने चंद्रशेखर पर 4 राउंड फायरिंग की। गोली उनके पेट को छूते हुए निकल गई थी। हमलावर घटना से 7 किलोमीटर दूर मिलकपुर गांव के पास स्विफ्ट डिजायर कार छोड़कर फरार हो गए थे।

 

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