नोएडा । महिला के नाम से भेजे गए पार्सल में ड्रग्स और विदेशी मुद्रा होने का डर दिखाकर साइबर जालसाजों ने उससे आठ लाख 34 हजार 182 हजार रुपये की ठगी कर ली। कई बार में खाते में रकम ट्रांसफर कराई गई। मुंबई अपराध शाखा का अधिकारी बताकर जालसाजों ने महिला को झांसे में लिया। जालसाजों के नंबर को आधार बनाकर साइबर क्राइम थाने की टीम ने इस मामले में आईटी एक्ट और धोखाधड़ी की धारा में केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। पीड़ित महिला वर्तमान में ग्रेटर नोएडा में रह रही हैं।
साइबर क्राइम थाने के प्रभारी निरीक्षक सुश्री रीता यादव ने बताया कि मूल रूप से गुरुग्राम के हाउसिंग बोर्ड सोसाइटी की रहने वाली प्राची शर्मा ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि तीन मई को उनसे स्काइप कॉल के जरिये एक व्यक्ति ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बनकर संपर्क किया। संबंधित व्यक्ति ने महिला के नाम से भेजे गए पार्सल में ड्रग्स और विदेशी मुद्रा होने की बात कहकर मामले में सहयोग करने के लिए कहा।
ऐसा न करने पर प्राची और उसके परिवार के लोगों को जेल भेजने की धमकी दी गई। कथित अधिकारियों ने अपना नाम बाल सिंह राजपूत और स्मिता पटेल बताया। दोनों ने महिला को स्काइप के जरिये ही अपना आइडी कार्ड दिखाया। उन्होंने कहा कि वह महिला का बैंक खाता देखने के लिए अधिकृत हैं। जालसाजों ने महिला के खाते में मनी लॉड्रिंग की रकम ट्रांसफर होने की भी बात कही और कुछ रकम भेजने को कहा। जालसाजों ने महिला के खाते से भेजी गई रकम को महज 30 मिनट के अंदर फिर से उसके खाते में भेजने का प्रलोभन भी दिया। इसे जांच की प्रक्रिया बताया गया।
दोनों ने स्काइप कॉल के जरिये ही उस खाते का नंबर भी उपलब्ध कराया,जिसमें रकम ट्रांसफर होनी थी। इसके बाद महिला ने ड्रग्स रखने और मनी लांड्रिंग के केस में फंसने से बचने के लिए जालसाजों द्वारा बताए गए खाते में कई बार में आठ लाख 34 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए। पैसे ट्रांसफर होने के बाद जालसाजों ने महिला से पूरी तरह से संपर्क तोड़ लिया। ठगी की जानकारी होने के बाद महिला ने मामले की शिकायत साइबर क्राइम थाने में की।