लखनऊ| यूपी विधान सभा में सोमवार को प्रयागराज में 24 फरवरी शुक्रवार को हुए उमेश पाल हत्याकांड के मामले में संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि इस घटना के अनावरण के लिए सरकार बड़ी संजीदगी से लगी है और एसटीएफ की दस टीमें गठित की गई और घटना का अनावरण करने वाली टीम को पुरस्कार भी दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस मामले में गंभीर धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया गया है।
विधान सभा में सोमवार को उत्कृष्ट विधायक पुरस्कार दिए जाने संबन्धी नियम बनाने के लिए प्रतिवेदन भी सदन में प्रस्तुत किया गया। सदन में सरकार ने पूर्व विधायकों को पेंशन दस हजार से बढ़ाकर पच्चीस हजार रूपए दिए जाने के लिए उप्र राज्य विधान मंडल संशोधन विधेयक 2023 पारित कर दिया गया।
प्रश्नकाल में सरकार ने कहा कि सरकार ट्रामा सेंटर की व्यवस्था को और बेहतर करते हुए चिकित्सों को भी नियुक्ति की जाएगी।
सदन में उप्र शीरा नियंत्रण संशोधन विधेयक 2023 पारित कर दिया गया। विधेयक को लेकर सरकार ने सदन में स्पष्ट किया कि इस विधेयक के आने से किसानों पर कोई टैक्स या राब अथवा गुड़ पर नहीं लगाया जाएगा बल्कि 20 रूपए प्रति कुंतल रेगुलेटरी चार्ज खांडसारी इकाई से लिया जाएगा। इस विधेयक से अवैध शीरा के परिवहन पर नियंत्रण तो लगेगा ही साथ ही अवैध शराब के निर्माण पर भी अंकुश लग सकेगा।
नियम 56 के तहत बसपा सदस्य उमाशंकर सिंह ने प्रयागराज में 24 फरवरी शुक्रवार की दोपहर को विधायक राजूपाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल की हत्या का मामला उठाते हुए कहा कि 24 फरवरी को उमेश पाल अपने सुरक्षा गनरों के साथ जिला कचहरी से अपने धूमनगंज स्थित आवास पर पहुंचते ही अज्ञात हमलावरों ने स्वचालित हथियारों से घर में घुसकर गोली मार दी, इसके साथ ही उन पर बम से भी हमला किया गया।
उमाशंकर सिंह ने कहा कि इस हमले में उमेश पाल एवं उसके पुलिस सुरक्षाकर्मी भी गंभीर रूप से घायल हो गए जिनकी हालत नाजूक होने के कारण उन्हें एसआरएन अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां पर उमेश पाल एवं गनर संदीप निषाद की मृत्यु हो गई तथा एक अन्य गनर राघवेंद्र सिंह की हालत नाजुक बनी हुई जिसे लखनऊ एसजीपीजीआई रेफर किया गया है।
उमाशंकर ने इस मामले की सरकार से उच्च स्तरीय जांच कराते हुए पीड़ित परिवार को एक करोड़ रूपए का मुआवजा तथा परिवार के एक सदस्य को नौकदी दिए जाने की मांग की, इस पर संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि इस घटना की पृष्टभूमि 2005 से शुरू होती है जब पूजा पाल ने हत्या का मूकदमा धूमनगंज में दर्ज करायाा था। इस मुकदमें के गवाह के रूप में उमेश पाल भी थे।
2007 में भी गवाह उमेश पाल के अपहरण को लेकर एक मुकदमा और दर्ज किया गया था। संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि इस मामले में उच्चतम न्यायाल के 17 फरवरी 2023 को 6 सप्ताह में ट्रायल पूरा करने का आदेश दिया था। घायल सिपाही राघवेंद्र सिंह को एसजीपीआई में भर्ती कराया गया है। इस मामले का खुलासा करने के लिए पुलिस के साथ एसटीएफ को लगाया गया है और दस टीमें भी लगाई गई है।
उन्होंने कहा कि अभियुक्तों को पकड़ने वाली टीम को पुरस्कार भी दिया जाएगा। किसी को छोड़ा नहीं जाएगा। विधान सभा में नियम समिति का प्रथम प्रतिवेदन रखा गया। प्रथम प्रतिवेदन जो उत्कृष्ट विधायक पुरस्कार से संबधी नियमों से संबन्धित है। विधान सभा में रखे गय प्रतिवेदन के अनुसार संसदीय लोकतंत्र में विधायिका का विशेष महत्व है। विधायिका में सभी विषयों पर निष्पक्ष और स्वतंत्र बहस के माध्यम से निर्णय लिए जाते है। इसलिए यह आवश्यक है कि विधान मंडल की कार्यवाही संसदीय शिष्टाचार के तहत शांतिपूर्ण माहौल में संचालित की जाए ताकि जनता का विधायिका के प्रति विश्वास बना रहे।
प्रतिवेदन के अनुसार विधान सभा सदस्यों का संवैधानिक दायित्व है कि विधायिका के भीतर ऐसा वातावरण हो कि अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों की शिकायतों को सदन में शातिपूर्ण तरीके से प्रस्तुत किया जाए। सभी सदस्यों को सदन के भीतर गरिमा और गरिमा के साथ आचरण करने के लिए प्रोत्साहन देने के लिए सदन में सर्वश्रेष्ठ सदस्य के लिए एक उत्कृष्ट विधायक पुरस्कार स्थापित किया जा रहा है। यह प्रथा लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में पहले ही स्थापित हो चुकी है। इस तरह का प्रोत्साहन निश्चित रूप से किसी सदस्य को एक आदर्श विधायक बनने में सहायक सिद्ध होगा।
सदन में उप्र शीरा नियंत्रण संशोधन विधेयक 20223 पारित कर दिया गया। इस विधेयक में संशोधन करने का प्रस्ताव कांग्रेस सदस्य आराधना मिश्र और सपा सदस्य माता प्रसाद पांडे ने उठाते हुए कहा कि इस विधेयक से मिल मालिकों को लाभ होगा जबकि किसानों को कोई फायदा नहीं होगा। माता प्रसाद पांडे ने कहा कि प्रदेश में स्थापित खांडसारी इकाईयां बंद हो जाएगी और गन्ना खेत में खड़ा ही रहेगा। सरकार के मंत्री नितिन अग्रवाल ने कहा कि इस संशोधन का उददेश्य शीरा के अवैध परिवहन पर नियंत्रण करना है। खांडसारी इकाईयों पर हमारे कोई भी अधिकारी नहीं जाएंगे और खांडसारी इकाईयों को आन लाइन पोर्टल दिया जाएगा जिसे शीरे की उपलब्धता पता चलेगी।