नई दिल्ली। दिल्ली आबकारी घोटाला मामले में गिरफ्तार अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट में एक और याचिका दायर की गई है। जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच इस याचिका पर 08 अप्रैल को सुनवाई करेगी।
यह याचिका आम आदमी पार्टी के पूर्व विधायक संदीप कुमार ने दायर की है। याचिका में कहा गया है कि केजरीवाल की गिरफ्तारी दिल्ली आबकारी घोटाला मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत हुई है। इस गिरफ्तारी के बाद केजरीवाल मुख्यमंत्री के रूप में काम करने में सक्षम नहीं हैं। केजरीवाल की अनुपस्थिति से संवैधानिक बाधा उत्पन्न हो गई है, क्योंकि वे जेल से मुख्यमंत्री के रूप में काम नहीं कर सकते हैं।
याचिका में कहा गया है कि संविधान के अनुच्छेद 239एए(4) के प्रावधानों के मुताबिक उप राज्यपाल को सलाह देने वाले मंत्रिपरिषद का मुखिया मुख्यमंत्री ही होता है। केजरीवाल के जेल में रहने के बाद उप-राज्यपाल को सलाह देना व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है। ऐसे में केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद से हटाने का आदेश जारी किया जाए।
हालांकि, दिल्ली हाई कोर्ट केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग करने वाली इसके पहले दो याचिकाएं खारिज कर चुका है। पहली याचिका सुरजीत सिंह यादव ने दायर की थी। दूसरी याचिका विष्णु गुप्ता ने दायर की थी। हाई कोर्ट ने इन याचिकाओं को खारिज करते हुए कहा था कि ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि जेल जाने के बाद किसी को मुख्यमंत्री पद से हटाया जा सकता है। विष्णु गुप्ता की याचिका पर सुनवाई करते हुए कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा था कि ये मुख्यमंत्री केजरीवाल को फैसला करना है कि वो राष्ट्रहित में क्या फैसला करते हैं। व्यक्तिगत हितों से राष्ट्रहित ऊपर रखना चाहिए।