कोलकाता। ममता सरकार के जेल मंत्री अखिल गिरी ने रविवार को कहा कि वह मंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे, लेकिन वन विभाग की महिला अधिकारी से कभी माफी नहीं मांगेंगे। शनिवार को, मंत्री ने कथित तौर पर महिला अधिकारी के साथ दुर्व्यवहार किया, जब वह और उनकी टीम पूर्वी मिदनापुर जिले के ताजपुर सी रिसॉर्ट में अतिक्रमण हटा रही थी। इससे पहले, तृणमूल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य सुब्रत बख्शी ने मंत्री से इस्तीफा देने और महिला वन अधिकारी से माफी मांगने को कहा था।
गिरि ने मीडियाकर्मियों से कहा, “मुझे सुब्रत बख्शी का फोन आया था । यदि मेरे कार्यों से पार्टी और राज्य सरकार को असुविधा होती है, तो मैं मंत्री पद से इस्तीफा दे दूंगा और एक समर्पित पार्टी सिपाही के रूप में पार्टी के निर्देश का पालन करूंगा। लेकिन वन अधिकारी से माफी मांगने का सवाल ही नहीं उठता। अपने पूरे राजनीतिक जीवन में, मैंने कभी किसी सरकारी अधिकारी से माफी नहीं मांगी। मैं असहाय लोगों के साथ हूं। मैं इस्तीफा देकर भी आम लोगों के साथ खड़ा रहूंगा।”
गिरि ने कहा कि स्थानीय लोगों ने कैमरे पर शिकायत की है कि कैसे वन विभाग के अधिकारियों ने पैसे के बदले जगह आवंटित किये हैं। तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता शांतनु सेन ने कहा कि गिरि को इस्तीफा देने का निर्देश तृणमूल कांग्रेस के अनुशासन को साबित करता है। गिरि को जो कहना था वह कह चुके हैं। उनके बारे में अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री द्वारा लिया जाएगा।
दरअसल शनिवार को पूर्व मेदिनीपुर के ताजपुर समुद्र तट से अतिक्रमण हटाने से अखिल गिरि आगबबूला हो गए। उन्होंने एक महिला वन अधिकारी को जानवर, बेअदब तक कह डाला था और पिटाई करने की बात कही थी। वायरल वीडियो में गिरि को यह कहते हुए सुना जा सकता है, “आप लंबे समय तक (विभाग में) नहीं रह पाएंगे। आपकी उम्र सात से दस दिन है। मुझे वन विभाग के भ्रष्टाचार के बारे में पता है। मैं विधानसभा में सब कुछ बता दूंगा। आप मुझे नहीं जानते। मैंने एक उपखंड पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) को समुद्र में फेंक दिया था।”