Friday, September 20, 2024

ईओ रामेन्द्र सिंह ने भाजपा सभासद राजीव गोयल के साथ फोन पर की गई अभद्रता को लेकर मागी क्षमा, सभासदों द्वारा लगाए गए आरोपों का खंडन करते

शामली : सोमवार को नगर पालिका सभागार में आयोजित वार्ड सभासदों की बैठक में ईओ रामेन्द्र सिंह ने भाजपा सभासद राजीव गोयल के साथ फोन पर की गई अभद्रता को लेकर क्षमा मांगी है।

 

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उन्होने उक्त सभासदों द्वारा लगाए गए आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि मई के महीने में नगर पालिका में डाले जाने वाले डीजल का बिल लोकसभा चुनाव को लेकर ज्यादा आया है। उन्होने कहा कि चेयरमैन के कहने पर ही उन्होने दो वार्ड सभासदों की कमैटी बनाई थी।

बैठक को संबोधित करते हुए ईओ रामेन्द्र सिंह ने बताया कि गत दिवस सभासद राजीव गोयल द्वारा उनको बार बार फोन किए जा रहे थे, जिस पर आवेश में आकर उनके मुख से अभद्रता भरे शब्द निकल गए, जिसके लिए वह सभासद और समस्त भाजपा परिवार से माफी मांगते है। उन्होने कहा कि सभासदों द्वारा जो उनके ऊपर आरोप लगाए जा रहे है वह सभी निराधार है। मई के महीने में लोकसभा चुनाव था। 15 दिन का डीजल का बिल ज्यादा आया था। जिस कारण चुनाव के बाद मतपेटियों की सुरक्षा में तैनात जवानों के लिए प्रतिदिन फोगिंग और अन्य कार्यो में डीजल की खपथ हुई है।

 

जिसकी डीजल फाईल देखकर सत्यता की पुष्टि की जा सकती है। दो सभासदों अरविन्द खटीक व तोहीद रहमानी की कमैटी बनाकर देखरेख की जा रही है। कुत्तों की नसबंदी पर बताया कि सभासद अनिल उपाध्याय द्वारा कुत्तों का पकडवाने के लिए सुझाव दिया गया था। जिसके बाद टेंडर प्रक्रिया पूरी कर शहर के आवारा कुत्तों की नसबंदी कराई गई। जितने कुत्तों की नसबंदी कराकर रेबीज का इंजेशन लगाया गया उन सभी की वीडियोंग्राफी कराई गई है।

 

इसलिए यह आरोप मनगढंत है। नगर पालिका चेयरमैन अरविन्द संगल ने कहा कि उक्त सभासद नगर पालिका को बदनाम करने में लगे है। वह प्रोपर्टी डीलिंग का काम करते है और अपनी निजी फायदे के लिए अवैध कालोनियों में अनाधिकृत रूप से सडके, पानी, लाईट आदि सुविधाऐं नगर पालिका से कराना चाहते है।

 

जिससे इनकी प्रोपर्टी के चार गुणा रेट बढ सके। चेयरमैन ने सख्त लहजे में कहा कि वह नगर पालिका के रूपयों को ऐसे सभासदों के लिए बर्बाद नही होने देगे। यह सभासद नगर पालिका क्षेत्र की सीमा से बाहर कार्य करना चाहते है। जिसके लिए दबाव अध्यक्ष व ईओ पर बना रहे है। सभासद व सभासद पति द्वारा बोर्ड में स्वीकृत कार्यो की स्वयं अपने नाम से आरटीआई लगाकर ईओ व चेयरमैन को दबाव में लेना चाहते है, जो नियम विरूद्ध है।

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