मिर्जापुर। उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद विनोद बिंद के कार्यालय पर आयोजित मीट पार्टी बवाल में बदल गई। मझवां उपचुनाव के मद्देनजर आयोजित इस दावत में खाने को लेकर विवाद हुआ, जो मारपीट और भगदड़ में बदल गया।
कानपुर में सपा विधायक अमिताभ बाजपेई के खिलाफ दर्ज हुआ आचार संहिता उल्लंघन का मुकदमा
भदोही से सांसद और मिर्जापुर के मझवां के पूर्व विधायक विनोद बिंद ने मझवां विधानसभा उपचुनाव में बिंद समाज को एकजुट करने के उद्देश्य से गुरुवार को करसड़ा स्थित अपने कार्यालय पर एक भव्य दावत का आयोजन किया। दावत में लगभग 1,000 लोगों को आमंत्रित किया गया था, जबकि मीट की व्यवस्था केवल 200 लोगों के लिए की गई थी।
शुकतीर्थ में लगाई थी जूस की दुकान, यशवीर महाराज ने देखा ‘आधारकार्ड’ तो निकला मुस्लिम, करा दी बंद !
जैसे ही मीट खत्म होने लगा, आयोजकों ने बोटी की जगह सिर्फ ग्रेवी परोसना शुरू कर दिया। इसी बात को लेकर लोगों में नाराजगी फैल गई। “बोटी कहां है?” पूछने वाले एक युवक और भोजन परोस रहे युवक के बीच बहस छिड़ गई, जो मारपीट में बदल गई।
मुज़फ्फरनगर में हादसे में कोहरे के कारण ट्रक काली नदी में गिरा, चालक की दर्दनाक मौत
सांसद के ड्राइवर के भाई द्वारा बुलाए गए एक युवक को जब केवल ग्रेवी दी गई, तो उसने गुस्से में खाना परोस रहे व्यक्ति को थप्पड़ मार दिया। इसके बाद दोनों पक्षों के समर्थकों में मारपीट शुरू हो गई। हंगामा इतना बढ़ा कि दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर बाल्टी और अन्य बर्तनों से हमला कर दिया। इसमें कई लोग घायल हो गए, कुछ का सिर फट गया, और हाथ-पैर में चोटें आईं। विवाद के बाद भोजन कर रहे लोग अपने पत्तल और रोटियां लेकर इधर-उधर भागते नजर आए।
हंगामे के बाद भी दावत बंद नहीं हुई। कुछ देर बाद खाने का सिलसिला दोबारा शुरू किया गया। कई लोग अपने परिवार के लिए रोटी और बोटी बांधते हुए भी नजर आए।
सांसद प्रतिनिधि उमा बिंद ने घटना को “विपक्षी दलों की साजिश” करार दिया। उन्होंने कहा कि जिन लोगों को दावत में आमंत्रित नहीं किया गया था, वे भी शराब पीकर वहां पहुंचे और हंगामा किया। सांसद विनोद बिंद कार्यक्रम के दौरान केवल 10 मिनट मौजूद थे और उनके जाने के दो घंटे बाद यह घटना हुई।
मिर्जापुर की मझवां विधानसभा सीट पर 20 नवंबर को उपचुनाव होना है। यह सीट विनोद बिंद के भदोही सांसद बनने के बाद खाली हुई थी। इस दावत का उद्देश्य बिंद समाज को लामबंद करना था, लेकिन आयोजन में अव्यवस्था और विवाद से भाजपा को आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है।
मिर्जापुर में राजनीतिक चर्चाओं को गरमा दिया है। मझवां उपचुनाव के प्रचार अभियान में भाजपा के लिए एक नई चुनौती खड़ी कर दी है।