नई दिल्ली। एचएमपीवी को लेकर लोगों में चिंता और डर का माहौल है। लेकिन, राहत की बात यह है कि डॉक्टरों ने स्पष्ट कर दिया है कि इससे किसी को भी घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि यह उतना घातक बिल्कुल भी नहीं है, जितना की कुछ मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है। इस वायरस को लेकर मीडिया रिपोर्ट में विभिन्न प्रकार के दावे किए जा रहे हैं। जिसमें सबसे बड़ा दावा यह किया जा रहा है कि यह वायरस चीन से आया है।
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जिसके बाद से इसे कोरोना से जोड़कर देखा जा रहा है। इसी को लेकर आईएएनएस ने सीके बिड़ला अस्पताल के डॉ तुषार तायल से खास बातचीत की। डॉ तायल ने सबसे पहले इस बात को सिरे से खारिज कर दिया है कि इस वायरस का चीन से कोई सरोकार है। उन्होंने कहा कि इस वायरस का चीन से कोई लेना-देना नहीं है। यह पहले से ही वातावरण में मौजूद है। यह वायरस पैरामिक्सोवायडी फैमिली का है। सबसे पहले 2001 में इसकी खोज नीदरलैंड में खोज हुई थी। टेस्टिंग के दौरान इस वायरस के अस्तित्व के बारे में पता चला था। वो बातते हैं कि यह वायरस पहले से ही सभी देशों में मौजूद है और यह वायरस चीन से नहीं फैल रहा है।
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दरअसल, कुछ दिनों पहले इस वायरस से जुड़े कुछ मामले चीन में मिले थे, जिसे देखते हुए लोगों के बीच यह भ्रांति फैल गई थी कि यह वायरस चीन से आया है, लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। यह वायरस चीन से नहीं आया है। पहले इसकी टेस्टिंग की सुविधा हमारे पास नहीं थी, लेकिन अब हमारे पास इसकी टेस्टिंग की सुविधा है। वहीं, कई मीडिया रिपोर्ट्स में यहां तक दावा किया जा रहा है कि एचएमपीवी से देश में दहशत का माहौल है। फिर कोरोना जैसी स्थिति पैदा हो सकती है, तो इसके बारे में डॉ तायल बताते हैं कि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। जब कोरोना वायरस आया था, तो लोगों में उससे लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता नहीं के बराबर थी या कम थी।
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कोविड-19 एक नया वायरस था। ऐसे में देश में अव्यवस्था का माहौल पैदा हो गया था। लेकिन, इस बार ऐसा कुछ भी नहीं होगा। एचएमपीवी वायरस किसी को भी सामान्य तरीके से ही प्रभावित कर सकता है। उधर, यह भी सवाल उठ रहे हैं कि जब यह वायरस 2001 में ही अस्तित्व में आ गया था, तो आखिर अब तक इसके निदान के लिए वैक्सीन क्यों नहीं बन पाई, तो इस पर डॉ बताते हैं कि यह वायरस उतना खतरनाक नहीं है और ना ही आज तक इसने कभी आपदा जैसी स्थिति पैदा की है। इस वायरस की जद में आने के बाद मरीज में सामान्य किस्म के ही लक्षण देखने को मिलते हैं।