Friday, January 17, 2025

गाजियाबाद में डीएम ने बैंक वालों को बनाया बंधक, लोन पास करो, नहीं तो नहीं किये जाओगे मुक्त !

गाजियाबाद। मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान के तहत लोन पास न करने पर गाजियाबाद के जिलाधिकारी ने सभी बैंकर्स को विकास भवन सभागार में बंदी बना लिया। शाम को हुई बैठक के बाद उन्होंने कहा कि जब तक लोन के आवेदन पास नहीं करोगे तब तक यहीं रहना होगा। विकास भवन सभागार में बाहर से ताला लगाकर अंदर उनके खाने-पीने की व्यवस्था की गई है। देर रात तक अगर सभी आवेदन नहीं हुए तो उनके सोने की भी व्यवस्था वहीं कराई जाएगी।

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जिलाधिकारी ने बताया कि बैंकर्स को 403 ऋण आवेदन भेजे गए थे, जिनमें से 365 आवेदन अग्रेषित किए गए थे, लेकिन केवल 50 आवेदन पास किए गए। ताला लगाने के बाद तुरंत 11 आवेदन पास किए गए।

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डीएम ने अंदर बैंकर्स के खाने-पीने की व्यवस्था कराई और कहा कि वह रात 9 बजे फिर से निरीक्षण करेंगे। अगर तब तक ऋण पास हो गए तो वे घर जा सकेंगे; अन्यथा रात में सोने की व्यवस्था भी वहीं की जाएगी। बैंकर्स विकास भवन सभागार में बंद रहकर अपने उच्च अधिकारियों से सलाह-मशविरा कर रहे हैं।

जिलाधिकारी ने पिछले महीने ज़िले के उपभोक्ताओं से अपील की थी कि वे पीएनबी में पैसा जमा न कराये, डीएम इंद्र विक्रम सिंह ने अपील की थी कि लोग पंजाब नेशनल बैंक में पैसे जमा न कराएं। उन्होंने यह अपील बैंक का साख-जमा अनुपात (क्रेडिट डिपोजिट रेशियो) कम हो जाने पर की थी। यह जिले के बैंकों में सबसे कम 24.41 फीसदी पाई गई थी । इसका अर्थ यह है कि बैंक के पास जमा धनराशि में से एक चौथाई ही उधार यानी ऋण के रूप में दी जा रही है।

उन्होंने कहा था कि पंजाब नेशनल बैंक न तो जनहित में काम कर रहा है और न ही जनपद के विकास में सहयोग कर रहा है। बैंक ने पिछली तिमाही (सितंबर तक) 15 हजार करोड़ जमा किए। इनमें से 3,662 करोड़ ही ऋण के रूप में दिए गए। सामान्य रूप से यह औसत 60 से 70 फीसदी होना चाहिए। इसका मतलब यह है कि अगर बैंक में 100 करोड़ जमा हैं तो 60 से 70 करोड़ ऋण में दिए जाएं।

उस बैठक के दौरान एक महिला  भी जिलाधिकारी के पास पहुंची थी, महिला ने बताया था कि छह महीने 15 दिन बाद ऋण की धनराशि उसके खाते में पहुंची है। महिला ने जिलाधिकारी को मिठाई खिलाई और हनुमान चालीसा भेंट किया। जिलाधिकारी ने सभी बैंक अधिकारियों से कहा कि सभी को शर्म आनी चाहिए कि आवेदकों का इतना उत्पीड़न हो रहा है। एक महिला को अपना व्यवसाय करने के लिए लगभग साढ़े छह महीने बाद ऋण मिला है, वह भी अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद मिला है।

उसके बाद आज फिर डीएम बैंक वालों पर भड़क गए और उन्होंने बैंक वालों को बंधक ही बना लिया।

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