देहरादून। चमोली के माणा के पास हिमस्खलन की घटना में अभी भी चार श्रमिक फंसे हुए हैं। इन श्रमिकों को तलाशने के लिए रविवार को तीसरे दिन भी बचाव अभियान जारी है। एसडीआरएफ की विशेषज्ञ टीम विक्टिम लोकेटिंग कैमरा एवं थर्मल इमेज कैमरा के साथ व संचार टीम मौके पर पहुंचकर अभियान में शामिल हो चुकी है। रेस्क्यू के तीसरे दिन 10 घायलों को ज्योर्तिमठ पहुंचाया गया।
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी देहरादून के आईटी पार्क स्थित आपदा कंट्रोल रूम पहुंच कर रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि 04 और बचे श्रमिकों की खोजबीन के लिए अत्याधुनिक उपकरणों की मदद ली जा रही है। जीपीआर थर्मल इमेजिंग कैमरा का इस्तेमाल किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि माणा के आसपास सभी प्रकार के संपर्क कट गए हैं। संचार सहित अन्य व्यवस्थाओं को बहाल करने की कोशिश जारी है। गांव जो संपर्क से कट गए हैं, वहां के लिए भी खाद्य सामग्री भिजवाई जा रही है। कुछ ब्लॉक में लाइट कट गई थी। जिसको बहाल कर दी गई है।
उन्होंने कहा कि आज मौसम ठीक है और बचाव कार्य तेज किया जाएगा। कल से मौसम फिर बिगड़ने वाला है। इसे देखते हुए उच्च इलाकों में जहां काम चल रहा है वहां मौसम को देखते हुए काम बंद रखने को कहा गया है।
एसडीआरएफ पुलिस महानिरीक्षक रिधिम अग्रवाल के निर्देश पर माणा में चल रहे राहत एवं बचाव कार्य के लिए एसडीआरएफ की एक विशेषज्ञ टीम हेलीकॉप्टर के माध्यम से विक्टिम लोकेटिंग कैमरा (वीएलसी) एवं थर्मल इमेज कैमरा के साथ सहस्त्रधारा से घटनास्थल के लिए रवाना हुई। जोशीमठ से एसडीआरएफ की संचार टीम भी मैन पैक रिपीटर के साथ बद्रीनाथ धाम के लिए रवाना हुई।
शुक्रवार को भारत-चीन सीमा पर स्थित सीमांत जिले चमोली के माणा के पास हिमस्खलन में कुल 55 श्रमिक फंसे हुए थे। 50 श्रमिक रेस्क्यू कर लिए गए हैं। एक श्रमिक सकुशल अपने घर हिमाचल प्रदेश पहुंच गया है। चार श्रमिकों की मृत्यु हो गई है। अभी भी चार श्रमिक फंसे हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।