गाजियाबाद। दिल्ली-गाजियाबाद नमो भारत कॉरिडोर के स्टेशनों के आसपास के इलाकों को एनसीआरटीसी विकसित करेगा। इसको लेकर योजना तैयार की जा रही है। एनसीआरटीसी एक ओर जहां नमो भारत कॉरिडोर से यात्रियों का दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ का सफर आसान बना रही है। वहीं अब नमो भारत कॉरिडोर स्टेशनों के आसपास के इलाकों को विकसित करने की योजना है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) नमो भारत कॉरिडोर के स्टेशनों के आसपास के इलाकों को विकसित करेगा।
इसको लेकर योजना तैयार की जा रही है. स्टेशन किनारे मॉल, स्टूडियो अपार्टमेंट, ऑफिस, अस्पताल और थीम पार्क विकसित किए जाएंगे। अभी नमो भारत ट्रेन अभी न्यू अशोक नगर से मेरठ साउथ तक 55 किलोमीटर तक चल रही है। जिसमें न्यू अशोक नगर, आनंद विहार, साहिबाबाद, गाज़ियाबाद, गुलधर, दुहाई, दुहाई डिपो, मुरादनगर, मोदी नगर साउथ, मोदी नगर नॉर्थ और मेरठ साउथ के 11 स्टेशन शामिल हैं। जल्द ही इसको पूरे कॉरिडोर तक दौड़ाने की तैयारी है. जिसकी लंबाई 82 किलोमीटर है।
पूरा कॉरिडोर चालू हो जाने के बाद आने वाले समय में यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी होगी। यात्रियों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए स्टेशन के आसपास के क्षेत्र को विकसित करने की योजना तैयार की जा रही है। नमो भारत कॉरिडोर स्टेशनों के आसपास इलाकों को कॉमर्शियल और रेजिडेंशियल केंद्रों के रूप में विकसित किया जाएगा। इससे आर्थिक गतिविधियों को भी रफ्तार मिलेगी।
नमो भारत कॉरिडोर के कई स्टेशनों के पास बड़े और छोटे भूखंड विकसित किए जाएंगे। प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए ट्रांजिट ओरिएंटेड मॉडल पर काम किया जाएगा। एनसीआरटीसी के टीओडी पॉलिसी की वर्ल्ड बैंक समेत अन्य संस्थानों ने प्रशंसा की है। यह मेगा प्रोजेक्ट आने वाले समय में सफर को तो और आसान करेगा ही साथ ही उभरते शहरी केंद्रों में आर्थिक गतिविधियों को भी रफ्तार मिलेगी।
योजना को धरातल पर उतारने के उद्देश्य से तेजी से काम चल रहा है। इसके लिए जमीन भी चिहिंत की गई है। एनसीआरटीसी ने निविदाएं आमंत्रित की हैं। एनसीआरटीसी के मीडिया प्रभारी पुनीत वत्स ने बताया कि निकट भविष्य में नमो भारत कॉरिडोर के आसपास आर्थिक गतिविधियों को विकसित किया जाएगा। जिससे कि शहरों के विकास के साथ युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त हो सकेंगे।
एनसीआरटीसी नमो भारत स्टेशन के आसपास के इलाके को व्यावसायिक और आवासीय केंद्रों के रूप में विकसित करने की तैयारी में है। इससे आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने बताया कि योजना के तहत, गाजियाबाद, मोरटा, दुहाई, मुरादनगर, मोदीनगर और मेरठ साउथ में बड़े भूखंड को विकसित किया जाएगा। गाजियाबाद का भूखं