Sunday, May 4, 2025

मुज़फ्फरनगर में नरेंद्र पवार ने दी पुलिस को दी चेतावनी, हमारे कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई हुई तो फिर होगी जन आक्रोश रैली

मुज़फ्फरनगर। टाउन हॉल मैदान में आयोजित जन आक्रोश रैली को लेकर हिंदूवादी और व्यापारिक संगठनों ने शनिवार  को समीक्षा बैठक की। बैठक में संयुक्त हिंदू संघर्ष समिति के संयोजक नरेंद्र पवार ने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर जन आक्रोश रैली में शामिल किसी कार्यकर्ता पर राजनीतिक दबाव में पुलिस ने कोई गैरकानूनी कार्रवाई की, तो हम मजबूर होकर दोबारा जन आक्रोश रैली करेंगे।

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बैठक में राकेश टिकैत के साथ हुई धक्का-मुक्की और हूटिंग को रैली का आधिकारिक हिस्सा न बताते हुए, आयोजकों ने स्पष्ट किया कि यह जनता की स्वतः प्रतिक्रिया थी। नरेंद्र पवार ने कहा कि पुलिस द्वारा टिकैत मामले में की गई कार्रवाई पक्षपातपूर्ण है और यदि किसी निर्दोष कार्यकर्ता को उठाया गया या उस पर दबाव बनाया गया तो उसका पुरज़ोर विरोध किया जाएगा।

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उन्होंने कहा कि रैली में सम्मिलित लोगों पर किसी संगठन या राजनीतिक दल के दबाव में यदि प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई होती है, तो हिंदू संगठन उसका कड़ा विरोध करेंगे। साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि जरूरत पड़ी तो फिर से जन आक्रोश रैली आयोजित की जाएगी।बैठक के दौरान जन आक्रोश रैली की सभी गतिविधियों की समीक्षा की गई और उसमें सहयोग देने वाले 165 संगठनों का आभार जताया गया।

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नरेंद्र पवार ने टिकैत के खिलाफ हुई हूटिंग को लेकर कहा, “यह आयोजन समिति का हिस्सा नहीं थी। जनमानस ने उनके पूर्व बयानों से आहत होकर अपनी नाराजगी प्रकट की। यदि कार्यक्रम के दौरान किसी को ठेस पहुंची हो, तो आयोजन समिति खेद प्रकट करती है।” नरेश टिकैत के ‘सड़कें लाल कर देंगे, खून की नदियां बहा देंगे’ जैसे बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए नरेंद्र पवार ने कहा, “अगर हमारे किसी नुकसान से टिकैत परिवार को लाभ होता है, तो वे बताएं, हम उनके घर चलने को भी तैयार हैं। यह जनपद छोटा है, यहां हर व्यक्ति एक-दूसरे को जानता है।”

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उन्होंने यह भी कहा कि जन आक्रोश रैली में किसी शराबी व्यक्ति की उपस्थिति का आरोप गलत है। “यदि कोई यह सिद्ध कर दे कि वहां कोई शराब पिए था, तो वह टिकैत समर्थक ही रहा होगा,” पवार ने तंज करते हुए कहा।

अंत में नरेंद्र पवार ने स्पष्ट किया कि प्रशासन द्वारा रैली में शामिल कुछ लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया गया था, जिन्हें बाद में छोड़ दिया गया। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि किसी व्यक्ति के खिलाफ किसी राजनीतिक दल या संगठन के दबाव में कार्रवाई की गई, तो हिंदू संगठन चुप नहीं बैठेंगे।

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