जयपुर। सैनी समाज ने मंगलवार को आंदोलन स्थगित करने की घोषणा की, उसके बाद जयपुर-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग-21 12 दिन बाद खुल गया। फुले आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक मुरारी लाल सैनी ने आंदोलन स्थगित करने की घोषणा की।
घोषणा करने के तुरंत बाद सैनी आंदोलन स्थल से चले गए।
आत्महत्या करने वाले मोहन सिंह के लिए मुआवजे के साथ 12 फीसदी आरक्षण की मांग को लेकर चलाए गए सैनी आरक्षण आंदोलन के कारण यह राष्ट्रीय राजमार्ग 12 दिनों से बंद था।
सिंह सैनी समुदाय के एक आंदोलनकारी थे, जो आरक्षण की मांग को लेकर राजमार्ग पर विरोध प्रदर्शन में शामिल थे। उन्होंने 25 अप्रैल को आत्महत्या कर ली थी।
सिंह ने अरोडा के पास चाह गांव में राजमार्ग के किनारे एक पेड़ में फंदा डालकर फांसी लगा ली।
प्रदर्शनकारी मोहन सिंह के परिवार को एक करोड़ रुपये मुआवजा, उनके बेटे को सरकारी नौकरी और शहीद का दर्जा देने की मांग कर रहे थे।
आंदोलन के दौरान हाईवे से गुजरने वाले वाहनों को अलग-अलग रूट से डायवर्ट किया गया। इस कारण जयपुर से आगरा या आगरा से जयपुर जाने वाले लोगों को 25 किलोमीटर का अतिरिक्त चक्कर लगाना पड़ा।
नदबई तहसील के अरोडा गांव में 21 अप्रैल से आंदोलनकारी हाईवे पर डटे रहे।
धरना स्थगित करने की घोषणा के बाद एनएचएआई (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) ने जयपुर-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग-21 की सफाई शुरू कर दी है।
ट्रैक्टर और जेसीबी की मदद से हाईवे पर एक किलोमीटर तक पड़े मलबे को हटाने का काम शुरू हुआ।