मेरठ। मोहिउद्दीनपुर चीनी मिल में बनेगा एथेनाल 60 गांवों के 18872 किसानों को मिलेगा लाभ। मौजूदा स्थिति में जो भी चीनी मिलें समय से भुगतान कर रही हैं उनके पास चीनी बेचने के अलावा डायवर्जन का दूसरा मजबूत विकल्प एथेनाल उत्पादन ही है। इसलिए वह किसानों को समय से भुगतान कर पाती हैं। जिले में इसका सबसे बड़ा उदाहरण दौराला व नंगलामल चीनी मिल है।
चीनी मिलों में नया पेराई सत्र 2023-24 अक्टूबर से शुरू हो रहा है। मोहिउद्दीनपुर चीनी मिल से जुड़े 60 गांवों और लगभग 19 हजार किसानों के लिए खुशखबर है। चीनी मिल में डिस्टलरी यूनिट (आसवानी) स्थापित होने जा रही है।
एथेनाल उत्पादन करने वाली जिले की यह चौथी चीनी मिल होगी। प्रदेश भर में उप्र राज्य चीनी निगम लि. की यह पहली चीनी मिल है, जिसमें एथेनाल उत्पादन होगा। इसकी क्षमता 60 किलो लीटर प्रतिदिन होगी। इसके लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू होने जा रही है।
प्रदूषण विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र की स्वीकृति मिलने की प्रक्रिया भी अंतिम चरण में है। इससे पहले जिले में निजी दौराला, नंगलामल व किनौनी चीनी मिलें ही एथेनाल बना रही हैं।
उप्र राज्य चीनी निगम लि. के अंतर्गत मोहिउद्दीनपुर चीनी मिल में 60 गांवाें के 18872 गन्ना किसान गन्ना आपूर्ति करते हैं। इसका रकबा 12325 हेक्टेयर है। चीनी मिल की पेराई क्षमता 3500 टीसीडी (टन क्रशिंग पर डे) है। पिछले पेराई सत्र 2022-23 में 40.83 लाख कुंतल गन्ना पेराई कर 74.68 लाख कुंतल चीनी का उत्पादन किया गया।