सहारनपुर। बांग्लादेश से आए 45 सिविल सेवकों ने जनपद में उत्तर प्रदेश की प्रशासनिक सेवाओं में अधिकारियों की भूमिका के बारे में जाना। सिविल सेवकों ने बताया कि उत्तर प्रदेश की प्रशासनिक गतिविधियां बांग्लादेश से मिलती जुलती हैं।
सर्किट हाउस सभागार में प्रशासनिक अधिकारियों ने बांग्लादेश से आए 45 सिविल सेवकों का प्रशासन की तरफ से स्वागत किया। उन्होने सिविल सेवकों को सहारनपुर के इतिहास एवं प्रमुख स्थानों के बारे में बताया। साथ ही जनपद की सामाजिक, आर्थिक एवं प्रशासनिक ढांचे के बारे में अवगत कराया। उन्होने भी बांग्लादेश के प्रशासनिक ढांचे पर विस्तार से चर्चा की तथा तुलनात्मक रूप से पीपीटी के माध्यम से अवलोकन किया। प्रतिनिधिमण्डल के सदस्यों नें बताया कि बांग्लादेश केन्द्रीय सरकार, मण्डल, जिला, उपजिला, यूनियन काउंसिल, यूनियन, ग्रामों में विभाजित है।
प्रतिनिधि मण्डल को जिला पंचायत राज अधिकारी आलोक कुमार शर्मा ने विकास कार्यों के संदर्भ में जानकारी देते हुए बताया कि विकास कार्यों के सफल संचालन के लिए मुख्य विकास कार्यालय होता है। जिले में कानून व्यवस्था, विभाग के अधिकारियों में आपसी तालमेल, विकास कार्याे को गति देना, जिले की हर जरूरी गतिविधियों को उच्च अधिकारियों को व शासन तक पंहुचाना, आम जनता की समस्याएं सुनकर अधिकारियों के माध्यम से उनका निराकरण करना आदि जिलाधिकारी के मार्गदर्शन में किये जाते है।
प्रतिनिधि मण्डल को मण्डलायुक्त, जिला मजिस्ट्रेट, जिला मजिस्ट्रेट को सीआरपीसी के द्वारा प्रदत्त किये गये अधिकार, प्रशासनिक एवं न्यायिक कर्त्व्यों, न्यायपालिका, जेल, एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, रजिस्ट्रार, कानूनगो, लेखपाल के कर्तव्यों, भौतिक संरचना सहित सूचना का अधिकार की जानकारी उपलब्ध करवायी गयी।
प्रतिनिधि मण्डल ने कलेक्ट्रेट परिसर में स्थित विभिन्न कार्यालयों में कार्यरत कर्मचारियों से संवाद कर यहां के प्रशासनिक एवं भौतिक संरचना को गहराई से समझा। प्रतिनिधि मण्डल ने कलेक्ट्रेट सभागार में पंहुचकर यहां के प्रशासनिक अधिकारियों की सराहना करते हुए प्रशासनिक ढांचे को भी सराहा। प्रतिनिधि मण्डल के साथ ज्वाईंट मजिस्टेªट उत्सव आनंद, नायब तहसीलदार मोनिका चौहान, राजस्व सहायक सरवर सिद्दीकी सहित संबंधित अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।