मेरठ। मेरठ के जागृति विहार एक्सटेंशन में बागेश्वर धाम सरकार आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने हनुमंत कथा का शुभारंभ किया। यहां कथा मंच से उन्होंने कहा कि क्रांतिधरा से दिल्ली तक स्वर गूंजेगा। उन्होंने औरंगजेब का भी जिक्र किया।
मेरठ के जागृति विहार एक्सटेंशन में मंगलवार को बागेश्वर धाम सरकार आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने हनुमंत कथा सुनाई। धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि संगत का प्रभाव सभी पर पड़ता है। मेरठ के हिंदू अपने कर्म के प्रति कट्टर हैं।
मुज़फ्फरनगर में भूमि विवाद को लेकर तनाव, पुलिस पर लगाये गंभीर आरोप
भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की शुरुआत क्रांतिधरा मेरठ से होनी चाहिए। तभी यह आवाज दिल्ली और दिल्ली से देश भर में जाएगी। औरंगजेब तोड़ने का काम करता था, उन्होंने कहा कि हिंदू हनुमानजी भक्त और जोड़ने वाले हैं। सभी को हनुमान और शिवभक्त बनाकर जाऊंगा।
पांच दिवसीय कथा आरंभ होने से पूर्व हनुमान चालीसा का पाठ और भगवान श्रीराम व भारत माता का जयघोष हुआ। धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि जोर जोर से कीर्तन करोगे तो अंदर का पाप बाहर आकर खत्म हो जाएगा। मेरठ वीरों की भूमि है। महादेव, मंंशा देवी, पंचमुखी महादेव, बिल्वेश्वर महादेव मंदिर यहां हैं।
मेरठ के खेल उद्योग के साथ कैंची उद्योग का भी देश दुनिया में नाम है। कथा में सदा खुले रहो, खिले रहो, दिमाग को खाली रखो, व्यस्त रहो पर मस्त रहो। उन्होंने चीटियों का उदाहरण दिया। कहा गिलास से खारे पानी को खाली करो तभी मीठा जल गिलास में डाल पाओगे। हृदय से कुविचार बाहर निकालोगे तो मंगल हो जाएगा।
हनुमानजी के पूजन में मंत्री कपिल देव अग्रवाल, दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी, पूर्व सांसद राजेंद्र अग्रवाल, पूर्व विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल, नीरज मित्तल, पंडित संजय त्रिपाठी और गणेश अग्रवाल शामिल हुए। कार्यक्रम में नीरज मित्तल ने आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को चांदी की गदा भेंट की।
जब तक जिंदगी रहेगी फुर्सत नहीं मिलेगी। काम से कुछ तो समय निकालो तो राम के दर्शन हो जाएंगे। उन्होंने भजन सुनाया ‘कर ले प्रभु से प्यार, माया की नगरी है, जीवन न हो जाए बेकार, जग में अपना न कोई, माया के मीत सब, नाता न तुमसे जोड़ा, पैसों से प्रीत है।’ विनम्रता आ जाएगी तो समस्या समाप्त। समुद्र सेतु का भी प्रसंग सुनाया।
उन्होंने कहा कि अब मकान बड़े और दिल छोटेे हो गए हैं। घर में अगर कोई मेहमान आ जाए तो सोचते हैं कि कब जाएगा। कम कपड़े पहनकर सोचते हैं कि मार्डन हैं। भैंस से ज्यादा कोई मॉडर्न नहीं हो सकता है। कुत्ते पालकर खुद को अमीर समझते हैं।