गाजियाबाद। 28 अक्टूबर को गाजियाबाद जिला जज की अदालत में वकीलों पर हुए लाठी चार्ज के बाद से कचहरी में हड़ताल चल रही हैं। हड़ताली वकील जिला जज को हटाने की मांग कर रहे हैं। पिछले एक महीने से कचहरी में अदालती कार्यवाही को हड़ताली वकील बाधित कर रहे हैं।
हड़ताली वकीलों का तोड़ निकालने के लिए एडीजे और प्रभारी अधिकारी नजारत नीरज गौतम ने आदेश दिए हैं कि अदालत में काम करने के इच्छुक अधिवक्ता और वादी को अगर किसी ने रोकने का प्रयास किया तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। इतना ही नहीं अब अदालतों के आसपास रैपिड एक्शन फोर्स तैनात किया गया है। प्रभारी अधिकारी नजारत नीरज गौतम ने आदेश जारी करते हुए बताया कि हड़ताल में विशेष परिस्थितियों के कारण अधिवक्ता अदालतों में उपस्थित होकर काम नहीं कर रहे थे। हड़ताल के कारण कचहरी में आने वाले वादकारियों में भय का माहौल व्याप्त है। इन परिस्थितियों से निपटने के लिए अदालतों में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं।
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इसी के साथ उन्होंने न्यायाधीशों को कहा है कि न्यायालय कक्ष में डायस पर बैठना सुनिश्चित करें। इसके अलावा अदालत परिसर में रैपिड एक्शन फोर्स तैनात किया गया है। फोर्स को आदेश दिया गया है कि अदालत परिसर में अगर किसी वादी या अधिवक्ता को कोर्ट में आने से रोेकने की कोशिश की गई तो संबंधित व्यक्ति के साथ सख्ती से पेश आए।
कोर्ट में न्यायिक अधिकारियों के समक्ष कई मामले रखे गए।
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कुछ वादी भी अदालत में पहुंचे। जनपद न्यायालय में 31 अदालतों में कामकाज हुआ। इस दौरान विभिन्न कोर्ट में 25 जमानत प्रार्थनापत्रों का निस्तारण किया गया। करीब 24 मामलों में गवाही हुई। जिला जज अनिल कुमार की अदालत में दो जमानत प्रार्थना पत्र का निस्तारण किया गया। एडीजे कोर्ट नंबर दो में चल रहे एक माले में चार्ज फ्रेम किए गए। इसके अलावा अन्य कोर्ट में भी कामकाज समान्य रूप से हुआ।