घर की छत और आंगन में उगाएं खुशबूदार मसाले किचन गार्डेनिंग से हर दिन मिलेगा शुद्ध स्वाद और सेहत का खजाना
आज के समय में हर कोई चाहता है कि उसके घर में ताजा और शुद्ध खाने की चीजें उपलब्ध हों. बाजार में मिलने वाली सब्जियां और मसाले केमिकल और जहरीले तत्वों से भरे होते हैं. ऐसे में किचन गार्डेनिंग एक ऐसा विकल्प बनकर उभरा है जो सेहत और सुकून दोनों देता है. घर के पास खाली पड़ी जमीन हो या फिर छत पर रखा गमला. थोड़ी सी समझदारी और सही जानकारी से आप अपने घर में ही मसालों की शानदार उपज ले सकते हैं.
घर पर मसालों की गार्डेनिंग क्यों है फायदेमंद
गमले या खाली जमीन में आसानी से करें शुरुआत
मसालों की गार्डेनिंग के लिए ज्यादा बड़ी जमीन की जरूरत नहीं होती. आप चाहें तो लगभग ढाई सौ मीटर के खाली स्थान में पांच से छह तरह के मसाले उगा सकते हैं. अगर जमीन उपलब्ध नहीं है तो छत पर रखे गमले भी एक बेहतर विकल्प हैं. ध्यान रखने वाली बात यह है कि वही मसाले चुनें जिन्हें बीज से उगाया जा सके. इससे देखभाल आसान रहती है और फसल भी अच्छी मिलती है.
मिट्टी का सही चुनाव ही सफलता की कुंजी
अच्छी उपज के लिए मिट्टी का चुनाव सबसे जरूरी होता है. मसालों की खेती के लिए बलुई दोमट मिट्टी को सबसे उपयुक्त माना जाता है. मिट्टी में जैविक तत्वों की मात्रा अधिक होनी चाहिए ताकि पौधों का विकास तेजी से हो. इसके लिए वर्मी कंपोस्ट का उपयोग बहुत फायदेमंद रहता है. मिट्टी उपजाऊ हो और पानी रुकने की समस्या न हो. यही बातें आपकी किचन गार्डेनिंग को सफल बनाती हैं.
बुवाई के बाद रखरखाव है बेहद आसान
बीज बोने के बाद गमले या क्यारी को ऐसी जगह रखें जहां पर्याप्त धूप मिल सके. बहुत ज्यादा छांव मसालों के पौधों के लिए नुकसानदायक हो सकती है. गमले का आकार बड़ा और गहराई अच्छी होनी चाहिए ताकि जड़ें सही तरह से फैल सकें. मछली का कैरेट प्लास्टिक का बोरा या पुराने ड्रम का भी इस्तेमाल किया जा सकता है. मसालों के पौधों को ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती और इनमें कीटों का प्रकोप भी कम रहता है. इसलिए देखभाल में ज्यादा मेहनत नहीं लगती.
एक बार लगाएं और पूरे सीजन पाएं मसाले
किचन गार्डेनिंग में सौंफ अजवाइन मेथी अदरक और धनिया जैसे मसाले बहुत आसानी से उगाए जा सकते हैं. इन्हें एक बार लगाने के बाद पूरे सीजन भर उपयोग में लिया जा सकता है. इससे न केवल खाने का स्वाद बढ़ता है बल्कि परिवार को जहरीले मसालों से भी बचाया जा सकता है. अपने घर में उगाए मसाले भरोसे और सेहत दोनों की गारंटी होते हैं.
डिस्क्लेमर
यह लेख सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है. मिट्टी जलवायु और स्थान के अनुसार परिणाम अलग हो सकते हैं. किसी भी कृषि प्रयोग से पहले स्थानीय विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें.
