Potato Farming Tips: दिसंबर में आलू की खेती का सुनहरा मौका, थोड़ी सी देखभाल से होगी जबरदस्त पैदावार
दिसंबर का कड़कड़ाता मौसम आलू की खेती के लिए बेहद अहम होता है। इस समय तापमान में अचानक गिरावट से फसल की बढ़वार धीमी हो सकती है और इसका सीधा असर पैदावार पर पड़ता है। अगर किसान इस दौर में थोड़ी सी अतिरिक्त देखभाल करें तो फसल ठंड से भी बचेगी और कंद का आकार भी तेजी से बढ़ेगा।
ठंड में नमी संतुलन है सबसे बड़ा मंत्र
जल जमाव से बचाना है बेहद जरूरी
ठंड के मौसम में खेत में पानी रुकना आलू की फसल के लिए बहुत नुकसानदायक हो सकता है। जल जमाव की स्थिति में कंद सड़ने लगते हैं जिससे पूरी फसल खराब होने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए खेत में पानी की निकासी की व्यवस्था सही होनी चाहिए ताकि अतिरिक्त पानी तुरंत बाहर निकल जाए।
नियमित निरीक्षण से बढ़ेगी पैदावार
दिसंबर में आलू की फसल में रोग और कीट का खतरा बढ़ जाता है। इस समय झुलसा और फफूंद जैसी समस्याएं पौधों की बढ़वार रोक सकती हैं। किसान अगर नियमित रूप से खेत का निरीक्षण करें और शुरुआती लक्षण दिखते ही उचित उपचार करें तो फसल को बड़े नुकसान से बचाया जा सकता है।
हल्की गुड़ाई से मिलेगा बड़ा फायदा
ठंड के मौसम में हल्की गुड़ाई आलू की फसल के लिए बेहद फायदेमंद मानी जाती है। गुड़ाई से मिट्टी भुरभुरी होती है जिससे जड़ों को हवा मिलती है और कंद तेजी से विकसित होते हैं। इससे न केवल कंद का आकार बढ़ता है बल्कि कुल उत्पादन में भी साफ बढ़ोतरी देखने को मिलती है।
Disclaimer: यह लेख सामान्य जानकारी के उद्देश्य से तैयार किया गया है। मौसम मिट्टी और क्षेत्र के अनुसार परिणाम बदल सकते हैं। खेती से जुड़ा कोई भी निर्णय लेने से पहले स्थानीय कृषि सलाह जरूर लें।
