मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित हुए 10 दिन बीत चुके हैं, लेकिन अब तक मुख्यमंत्री के नाम पर सहमति नहीं बन पाई है। इस बीच, भाजपा नेताओं ने घोषणा की है कि नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह 5 दिसंबर को होगा, और उसी के अनुसार तैयारियां भी शुरू हो गई हैं। हालांकि, मुख्यमंत्री पद को लेकर सस्पेंस जारी है, और इस राजनीतिक अनिश्चितता के बीच केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के बयान ने चर्चा का विषय बना दिया है।
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नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान नितिन गडकरी ने कहा कि राजनीति असंतुष्ट आत्माओं का समुद्र है। उन्होंने बताया कि राजनीति में हर कोई अपने वर्तमान पद से असंतुष्ट है और ऊंचे पद की आकांक्षा रखता है। उन्होंने इसे जीवन की एक सच्चाई बताते हुए कहा कि,”पार्षद इस बात से दुखी होता है कि वह विधायक नहीं बन पाया। विधायक इस बात से नाराज रहता है कि उसे मंत्री पद नहीं मिला। मंत्री इसलिए दुखी है कि उसे महत्वपूर्ण विभाग नहीं मिला या वह मुख्यमंत्री नहीं बन पाया। और मुख्यमंत्री इस चिंता में रहता है कि पता नहीं आलाकमान कब उसे पद छोड़ने को कह दे।”
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गडकरी ने ’50 गोल्डन रूल्स ऑफ लाइफ’ नामक पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम में कहा कि जीवन समझौतों, मजबूरियों, सीमाओं और विरोधाभासों का खेल है। उन्होंने इसे राजनीति, सामाजिक और पारिवारिक जीवन से जोड़ते हुए कहा कि हर व्यक्ति को चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, और असंतोष का यह चक्र लगभग हर क्षेत्र में मौजूद है।
महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टी के बीच चर्चा जारी है। मुख्यमंत्री पद को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है, जबकि 5 दिसंबर को सरकार के शपथ ग्रहण की घोषणा ने अटकलों को और बढ़ा दिया है।